अपने भाई मालविंदर सिंह के साथ शिविंदर सिंह (बाएं)
अपने भाई मालविंदर सिंह के साथ शिविंदर सिंह (बाएं)REUTERS/Vivek Prakash

दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुवार, 10 अक्टूबर को फोर्टिस हेल्थकेयर एवं रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को हिरासत में ले लिया। उनपर 740 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। उनके अलावा कंपनी के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा तथा अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार किया है, जबकि शिविंदर के बड़े भाई मालविंदर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। गिरफ्तारी तब हुई जब इन सभी को मंदिर मार्ग में ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया।

दिसंबर 2018 में रेलिगेयर एंटरप्राइज लिमिटेड की सब्सिडियरी रेलिगेयर फिनफेस्ट के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी ने यह शिकायत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ की थी।

उस शिकायत में पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी का भी नाम था। इन पर धोखाधड़ी और 740 करोड़ रुपये के फंड्स के गबन की शिकायत की गई थी।

रेलिगेयर के सीनियर मैनेजर ने शिकायत की है कि कंपनी और उसकी सब्सिडियरी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) से धोखाधड़ी की गई और 'सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी कई फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस के जरिए की गई।'

इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ब्रदर्स ने सह-आरोपियों से सांठगांठ कर '2016 में वित्तीय घोटाला किया।' इसमें आरोप लगाया गया है कि दोनों भाइयों ने 'सोच-विचार कर आपराधिक साजिश रची, जिसके जरिए बड़ा वित्तीय घपला किया गया।'

शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह, दोनों भाइयों पर ​दाइची सांक्यो नाम की एक कंपनी पर 3,500 करोड़ रुपये का कर्ज है। सिंगापुर की एक ट्रिब्युनल ने दोनों भाइयों को इस मामले में दोषी करार दिया है। दोनों भाइयों पर आरोप है कि वो जापानी ड्रगमेकर कंपनी को बिना किसी विस्तृत जानकारी के ही रैनबैक्सी कंपनी को बेचने की तैयारी कर रहे थे। सेबी ने भी 403 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है।

बता दें कि दोनों भाइयों के बीच फोर्टिस हेल्थेकयर और रेलिगेयर एंटरप्राइज लिमिटेड को लेकर विवाद है। जांच खुलासे के बाद बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ने दोनों भाइयों व उनसे संबंधित 8 फर्म्स को 403 करोड़ रुपये फोर्टिस के खाते में जमा करने का आदेश दिया है।

जांच में पता चला था कि दोनों ने फोर्टिस से फंड को अन्य जगह पर डाइवर्ट किया और फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गड़​बड़ियां की। प्रवर्तन निदेशालय ने भी पिछले अगस्त में इन दोनों के ठिकानों पर छापे मारे थे।

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने जांच करके पता लगाया था कि रेलिगेयर के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लि. और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लि. से 2315 करोड़ रुपये निकाले।