शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरेTwitter

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार में पिछले पांच साल से सत्ता में होने के बावजूद उन्होंने कभी भी विश्वासघात नहीं किया और न ही कभी सरकार गिराने की साजिश रची।

उन्होंने कहा कि गठबंधन में दोनों पक्षों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है और अगर बिना जरुरत के स्पीड तेज किया जाए तो ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने की संभावना होती है। शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने ये बातें कही।

पार्टी मुखपत्र सामना के लिए दिए इंटरव्यू में ठाकरे ने आरे कॉलोनी में पेड़ की कटाई पर अपनी पार्टी की आपत्ति के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मेट्रो कार शेड के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिस स्थान पर यह प्रस्तावित है, वह उसके खिलाफ हैं। ठाकरे ने कहा, 'लोगों को कष्ट देकर विकास नहीं होना चाहिए।' उन्होंने दो टूक कहा कि वह लोगों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

उद्धव ठाकरे ने यह विश्वास भी जताया कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने पर बेहतर शासन देंगे। फसल बीमा पर शिवसेना के विरोध के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि वह लोगों से संबंधित मुद्दों पर अपना पक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा, 'जब सरकार अपनी उपलब्धियों का प्रचार करती है, तो किए गए कार्य धरातल पर दिखाई देते हैं। मै सरकार के समक्ष लोगों के मुद्दों को उजागर करना जारी रखूंगा।'

सरकार से मतभेद के सवाल पर ठाकरे ने कहा, 'क्या मैंने सरकार के साथ विश्वासघात किया है या इसे गिराने की साजिश की है....नहीं। हम पिछले पांच वर्षों से बिना किसी शक्ति के सरकार में थे। मतभेद थे और हमने अपनी आवाज उठाई। जहां भी हमें लगा कि चीजें गलत थीं, हमने उसके खिलाफ आवाज बुलंद की।'

शिवसेना प्रमुख ने कहा, 'हमें खुद को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। यदि आप अनावश्यक रूप से गति बढ़ाते हैं, तो दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। पहले भी ऐसा हो चुका है।' 2014 विधानसभा से पहले बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूटने के संदर्भ में ठाकरे ने ये कहा।

ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र के हित में बीजेपी के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने कहा, 'मैंने राज्य के लिए समझौता किया है। मुझे विश्वास है कि हम पिछले अनुभव के आधार पर अगले पांच वर्षों में अच्छा शासन प्रदान कर सकते हैं।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।