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सरकारी बैंकों में विलफुल डिफॉल्टर्स की तादाद बीते पांच साल में मार्च 2019 तक 60 फीसदी से भी ज्यादा बढ़कर 8,582 हो गई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2014-15 के अंत तक विलफुल डिफॉल्टर्स आंकड़ा 5,349 था।

विलफुल डिफॉल्टर एक व्यक्ति या संस्था होती है, जो क्षमता के बावजूद कर्ज का भुगतान नहीं करता है। लोकसभा में कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल और श्रीरंग अप्पा बारणे के प्रश्नों के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि 31 मार्च, 2019 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा 8,121 मामलों में वूसली के लिए मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 2014-15 के बाद बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2014-15 में विलफुल डिफॉल्टर की संख्या 5,349 थी, जो मार्च 2019 में बढ़कर 8,582 हो गई। इसके साथ ही 2017-18 में 7,535 और 7,079 को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया गया। यह आंकड़ा केवल सरकारी बैंकों का है। इसमें निजी बैंकों का आंकड़ा शामिल नहीं है।

सीतारमण ने कहा, 'विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की जाती है। आरबीआई के दिशा-निर्देश के मुताबिक, बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा विलफुल डिफॉल्टर्स को कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं मिली हुई हैं और उनकी कंपनी को पांच साल के लिए कोई और उपक्रम लाने पर पाबंदी लगा दी जाती है।' उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में विलफुल डिफॉल्टर्स से 7,654 करोड़ रुपये की रकम वसूल की गई है।

सिक्यॉर्ड ऐसेट्स के मामलों में 6,251 केसेज में सारफेसी ऐक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। भारत में कुल 17 सरकारी बैंक हैं।

तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के मुताबिक फ्रॉड में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपया फंसा था। शुक्ला ने कहा था कि पब्लिक बैंकों की रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2017 तक 2,108 एफआईआर विलफुल डिफॉल्टरों के खिलाफ दायर की थीं। वहीं 8,462 मामलों में बैंकों ने कुर्की का मामला दायर किया था।

सरकारी बैंकों से मिले डाटा के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक 8,121 मामलों में रिकवरी के लिए मुकदमे दायर किए जा चुके हैं। सिक्योर्ड एसेट्स के मामले में 6251 केस में सरफेशी एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। भारत में 17 सरकारी बैंक हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।