स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के नये मामलों में कमी और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। हालांकि इस अवधि में मृतकों की संख्या बढ़ी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 18,601 पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3,252 हो गयी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 705 थी, यह एक दिन में स्वस्थ होने वालों की सर्वाधिक संख्या है। अग्रवाल ने कहा कि इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत 14.75 से बढ़कर 17.48 हो गया है। उन्होंने बताया कि 24 घंटे में संक्रमण के 1,336 नये मामले सामने आये। सोमवार को यह संख्या 1,553 थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 603 हो गयी है। पिछले 24 घंटों में संक्रमण से मौत के 47 नये मामले सामने आये हैं। उल्लेखनीय है कि सोमवार को 24 घंटों में मरने वालों की संख्या 36 थी।
उन्होंने बताया कि जिन जिलों में 28 दिनों से एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है, उनमें पुडुचेरी के माहे, कर्नाटक के कोडागु और उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के अलावा राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला भी शामिल है। वहीं, 23 राज्यों के 61 जिले ऐसे भी हैं जिनमें पिछले 14 दिनों से संक्रमण के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुयी है। सोमवार तक ऐसे जिलों की संख्या 59 थी।
अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैर कोविड-19 अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने की घटनाओं के मद्देनजर ऐसे अस्पतालों के लिये पृथक दिशानिर्देश भी जारी किये हैं। इनके तहत सभी अस्पतालों को आपदा प्रबंधन कार्ययोजना बना कर उसे अमल में लाने को कहा गया है।
अग्रवाल ने बताया कि इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में रक्त की उपलब्धता बनाये रखने के लिये भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी से रियल टाइम निगरानी तंत्र को सुचारु रखने को कहा है। साथ ही रक्त की यथाशीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एक हेल्पलाइन (011-23359379) भी शुरु की गयी है। इस पर जरूरतमंद लोग कभी भी किसी भी ग्रुप के रक्त की मांग पूरी कर सकेंगे।
इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण पर निगरानी के लिये राज्यों को दी गयीं रेपिड टेस्टिंग किट का अगले दो दिन तक इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि किये जाने के बाद आईसीएमआर ने किट में तकनीकी परेशानी का हल किये जाने तक रेपिड किट से परीक्षण नहीं करने को कहा है।
गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में अब तक कोरोना के 4,49,810 परीक्षण किये जा चुके हैं। इनमें 35,832 परीक्षण पिछले 24 घंटों में किये गये। इनमें आईसीएमआर की 201 प्रयोगशालाओं में 29,776 परीक्षण और निजी क्षेत्र की 86 प्रयोगशालाओं में 6076 परीक्षण किये गये।
इस दौरान गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमण की अधिकता वाले राज्यों में लॉकडाउन के पालन की स्थिति का आकलन करने के लिये मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समूहों ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान और पश्चिम बंगाल का दौरा किया।
उन्होंने बताया कि इन समूहों को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला है, लेकिन पश्चिम बंगाल में कोलकाता और जलपाईगुड़ी जिलों में जमीनी हकीकत का आकलन करने में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने की मंत्रालय को जानकारी दी गयी है। श्रीवास्तव ने कहा कि इसके मद्देनजर मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा है जिससे केन्द्रीय समूह अपना काम कर सकें।
उल्लेखनीय है कि जिन शहरों में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें इसका पालन सुनिश्चित कराने में मदद और स्थिति के आकलन के लिये गृह मंत्रालय ने छह अंतर मंत्रालयी समूह गठित किये हैं।
संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होने और लॉकडाउन का शतप्रतिशत पालन नहीं हो पाने वाले जिलों में राजस्थान का जयपुर, मध्य प्रदेश का इंदौर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और 24 परगना तथा महाराष्ट्र के मुंबई एवं पुणे सहित कुछ अन्य जिले शामिल हैं। केन्द्रीय दल इन जिलों का दौरा कर स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संकट से निपटने में मानव संसाधन की जरूरत को पूरा करने के लिये दो वेबपोर्टल शुरु किये हैं। इसकी मदद से स्वास्थ्य कर्मियों और स्वयंसेवियों की जरूरत वाले स्थानों पर तैनाती की जा रही है और संकट से निपटने से संबंधित प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.