मुंबई में भारतीय नौसेना के कम से कम 21 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिससे सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच चिंता पैदा हो गई है। यह पहला मामला है जब इतनी अधिक संख्या में सैन्य कर्मियों का कोविड-19 के लिए इलाज चल रहा है। भारतीय थलसेना में अभी तक इस जानलेवा विषाणु के आठ मामले सामने आए हैं।
नौसेना ने एक बयान में बताया, ''मुंबई में नौसैन्य परिसरों के भीतर सेवारत कुल 21 कर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें आईएनएस आंग्रे के 20 नौसैनिक शामिल हैं।''
भारतीय नौसेना के किसी भी जहाज और पनडुब्बी में सवार कर्मियों में कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। दुनियाभर की कई नौसेनाएं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जूझ रही हैं। विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट में सवार एक नाविक ने विषाणु के 500 मामलों की जानकारी दी। फ्रांसीसी नौसेना भी इस महामारी की चपेट में आई है।
नौसेना ने बताया कि सभी संक्रमितों का मुंबई के एक नौसैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसने बताया कि ज्यादातर संक्रमित लोग उस नौसैनिक के संपर्क में आए थे जो सात अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था।
नौसेना ने बताया, ''ये सभी आईएनएस आंग्रे के एक ही रिहायशी ब्लॉक में रहते हैं। प्राथमिक संपर्क में आए सभी लोगों की कोविड-19 के लिए जांच की गई। वहां रह रहे सभी लोगों को फौरन पृथक वास में भेज दिया गया है।''
आईएनएस आंग्रे को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि नौसेना मुख्यालय समेत रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मामले पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को कोविड-19 से कर्मियों की रक्षा के लिए अत्यधिक एहतियात बरतने का आदेश दिया है।
पिछले हफ्ते नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने एक वीडियो संदेश में अपने कर्मियों से कहा था कि जहाज और पनडुब्बी समेत अहम संचालनात्मक संपत्तियों को संक्रमण मुक्त रखना चाहिए।
उन्होंने कहा था, ''कोरोना वायरस वैश्विक महामारी अप्रत्याशित है और यह पहले कभी नहीं हुई। इसका भारत समेत दुनियाभर में काफी असर पड़ा है।'' उन्होंने कहा था कि इस बीमारी से उत्पन्न खतरा वास्तविक, निकट और अप्रत्याशित है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.