ने कोरोना वायरस संकट के बीच गलत खबरें और जानकारियां फैलने की समस्या से निपटने के लिए संदेश फॉरवर्ड (साझा करने) के नियमों में बदलाव किया है और अब ज्यादा फॉरवर्ड होने वाले संदेशों को एक बार में एक जगह भेजने की सीमा लगा दी है। अभी तक यह सीमा सीमा पांच लोगों या समूहों तक की थी।
फेसबुक के स्वामित्व वाली मेसेंजिंग एप व्हाट्सएप ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ''हम नया फीचर पेश कर रहे हैं। इससे अब संदेशों को एक बार में केवल एक चैट में फॉरवर्ड किया जा सकेगा। हमने संदेशों के फॉरवर्ड होने की संख्या में उल्लेखनीय बढ़त देखी है। इस नए फीचर से उपयोक्ता भ्रामक जानकारियों को फैलने से रोकने में योगदान कर सकते हैं।''
पिछले साल व्हाट्सएप ने संदेश के साथ यह जानकारी देने की शुरुआत भी की थी कि इसे फॉरवर्ड किया गया है या नहीं। यह कदम उसने फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए विभिन्न देशों की सरकार के दबाव बनाने के बाद उठाया था।
कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) के दौरान व्हाट्सएप जैसी एप का उपयोग बढ़ा है। कंपनी ने कहा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोग सामुदायिक दूरी (सोशल डिसटेंसिंग) का पालन कर रहे हैं। इस वजह से वह अपने दोस्तों, परिवारों से दूर हैं और उनसे बातचीत करने या वीडियो चैट करने के लिए व्हाट्सएप पर निर्भर कर रहे हैं।
लोग डॉक्टर, शिक्षक या पृथक रह रहे परिजनों से व्हाट्सएप पर बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए कंपनी की ओर से यह कदम उठाया गया है। ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक कंपनी का मानना है कि इस तरह के संदेशों के प्रसार को सीमित करना अहम है ताकि व्हाट्सएप लोगों के लिए एक निजी वार्तालाप की जगह बनी रहे।
कंपनी ने कहा कि संदेश फॉरवर्ड को सीमित करने के उसके पिछले कदमों से फॉरवर्ड किए गए संदेशों में 25 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिली है। भारत में व्हाट्सएप का उपयोग करने वालों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.