कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार से आग्रह किया कि चिकित्सा जांच का दायरा बढ़ाया जाए तथा छोटे-मझोले कारोबारियों एवं किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जाए।
सोनिया ने एक बयान में यह भी कहा कि मास्क, सेनिटाइजर, खाने-पीने की वस्तुओं की बाजार में सुचारू ढंग से आपूर्ति बनाई रखी जाए। कांग्रेस की शीर्ष नेता ने लोगों से अफरा-तफरी नहीं फैलाने और सावधानी बरतने की अपील की।
उन्होंने कहा, '' कोरोना वायरस को लेकर बहुत चिंता है। लोगों के जीवन के लिए खतरा है और इससे जीविका पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मेरा मानना है कि हम दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ इस मुश्किल समय से बाहर आ सकते हैं।''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''130 करोड़ लोगों के देश मे अब तक सिर्फ 15071 लोगों की जांच किये जाने की जानकारी सामने आई है। हमें निगरानी में रखे गए सभी लोगों की जांच करनी चाहिए और जांच का दायरा उन सभी लोगों तक ले जाना चाहिए जो कोरोनो पॉजिटिव पाए लोगों के सीधे संपर्क में आए हैं।''
उन्होंने यह भी कहा कि मास्क, सेनिटाइजर एवं दूसरे स्वास्थ्य सुरक्षा सुरक्षा उपकरणों, खाने-पीने की वस्तुओं की बाजार में निर्बाध आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सोनिया के मुताबिक बेड, पृथक केंद्र, वेटिंलेटर और मेडिकल टीम के बारे में जानकारी की कमी दिख रही है। इसके लिए एक पोर्टल बनाने की जरूरत है जहां ये सारी जानकारी एक साथ मिले। साथ ही इसके लिए अलग से बजट तय करने की जरूरत है।
उन्होंने कोरोना वायरस का छोटे एवं मझोले कारोबारियों और मजदूरों पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
सोनिया ने कहा, ''सभी कारोबारों खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कारोबारों काफी मुश्किल में हैं। असाधारण समय में असाधारण कदमों की जरूरत होती है। क्षेत्रवार राहत पैकेज घोषणा की जाए जिसमें कर अदायगी के समय को आगे बढाने, ब्याज में राहत और देनदारियों में भी समय की राहत देना शामिल हो।''
उन्होंने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों और मनरेगा कामगारों को भी सरकार को प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से राहत दी जानी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के लिए सरकार को ईएमआई की समयसीमा को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कोरोना के कारण किसानों पर भी असर होने का दावा किया और कहा कि सरकार को कृषि क्षेत्र के लिए भी विशेष राहत पैकेज पर विचार करना चाहिए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.