शिवसेना ने मध्य प्रदेश के सोमवार के राजनीतिक घटनाक्रम को कोरोना वायरस से जोड़ा है और भाजपा का नाम लिए बिना उस पर विपक्षी पार्टियों की अगुवाई वाली सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया है.
भाजपा पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा कि ''राजनीतिक वायरस'' विपक्षी पार्टी के सदस्यों में विद्रोह की भावना भड़काकर विपक्ष नीत सरकारों को गिराने का प्रयास देश में तबाही मचा रहा है लेकिन यह महाराष्ट्र में बेअसर साबित हुआ.
पार्टी ने अपने मुखपत्र "सामना" के एक संपादकीय में मंगलवार को कहा, "कोरोना वायरस देश में तबाही मचा रहा है. मध्य प्रदेश में सोमवार को नजर आया सियासी ड्रामा किसी वायरस से कम नहीं था."
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से अलग होकर भाजपा में चले जाने और मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा सौंपने के बाद राज्य में पिछले आठ दिनों से राजनीतिक संकट पैदा हो गया है.
कांग्रेस और भाजपा में जारी सत्ता की खींचतान के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन के सोमवार को ही विश्वास मत कराने के निर्देशों का उल्लंघन किया जिसके बाद भाजपा उच्चतम न्यायालय पहुंच गई.
संपादकीय में कहा गया, "विद्रोह भड़का कर विपक्षी पार्टियों की सरकार गिराने की कोशिश करने वाला राजनीतिक वायरस देश में तबाही मचा रहा है. यह वायरस अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, कर्नाटक और अन्य राज्यों में असर दिखाता दिखा है. हालांकि यह महाराष्ट्र में अप्रभावी साबित हुआ और असल में यह प्रयोग उल्टा ही पड़ गया."
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.