CAA
इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुये उच्चतम न्यायालय में अब तक 160 से अधिक याचिकायें दायर की जा चुकी हैं।PTI File

कांग्रेस के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुये उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। राजस्थान सरकार का कहना है कि इस कानून से संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार और जीने के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

केरल के बाद राजस्थान दूसरा राज्य है जिसने नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिये संविधान के अनुच्छेद 131 का सहारा लेकर शीर्ष अदालत में वाद दायर किया है। इस अनुच्छेद के अंतर्गत केन्द्र से विवाद होने की स्थिति में राज्य सीधे शीर्ष अदालत में मामला दायर कर सकता है।

राज्य सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के प्रावधानों के इतर और शून्य घोषित करने का अनुरोध किया है।

नागरिकता संशोधन कानून, 2019 में प्रावधान है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आये अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुये उच्चतम न्यायालय में अब तक 160 से अधिक याचिकायें दायर की जा चुकी हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.