वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने मंगलवार को सरकार को विलंबित स्पेक्ट्रम बकाया का 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया। वहीं टाटा ने कहा है कि उसने सरकार को तदर्थ सांविधिक देनदारियों का 2,000 करोड़ रुपये का और भुगतान किया है।
वहीं दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों को पत्र लिखकर उनकी सकल समायोजित आय (एजीआर) के बकाया आकलन में आ रहे अंतर को लेकर सवाल पूछने का फैसला किया है। सांविधिक बकाया को लेकर कंपनियों तथा दूरसंचार विभाग के आकलनों में अंतर के बीच यह कदम उठाया जा रहा है।
वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रविंदर टक्कर ने मंगलवार को दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने इस बैठक पर कुछ नहीं कहा। संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग को 3,043 करोड़ रुपये के विलंबित स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान किया है।
भारती एयरटेल विभाग को स्पेक्ट्रम की किस्तों के बकाये के 1,950 करोड़ रुपये चुकाए हैं। रिलायंस जियो ने भी 1,053 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दूरसंचार कंपनियों द्वारा पिछली नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त का अनिवार्य रूप से भुगतान करना होता है। इन कंपनियों ने इसी के तहत यह भुगतान किया है।
वोडाफोन आइडिया द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि कंपनी पर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की करीब 53,000 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। कंपनी ने अभी तक दो किस्तों में एजीआर देनदारी का 3,500 करोड़ रुपये चुकाया है।
दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया के भुगतान की अभी यह आखिरी किस्त होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल स्पेक्ट्रम भुगतान पर दो साल की छूट देने की मंजूरी दी थी। यानी दूरसंचार कंपनियों को दो साल तक स्पेक्ट्रम के पिछले बकाया का भुगतान नहीं करना होगा।
इस बीच टाटा टेलीसर्विसेज ने सरकार को दूरसंचार क्षेत्र के अपने कारोबार पर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये के निपटान के तहत 2,000 करोड़ रुपये का एक अतिरिक्त भुगतान तदर्थ आधार पर किया है। सूत्र ने कहा कि टाटा समूह सरकार को पहले ही 2,197 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। दूरसंचार विभाग के आकलन के अनुसार टाटा समूह पर सांविधिक बकाए के करीब 14,000 करोड़ रुपये बनते हैं।
सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों को पत्र लिखकर उनकी सकल समायोजित आय (एजीआर) के बकाया आकलन में आ रहे अंतर को लेकर स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है।
दूरसंचार विभाग द्वारा कंपनियों पर एजीआर के बकाये की जो गणना की है, वह कंपनियों द्वारा खुद किए गए आकलन से अलग आ रहा है। सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को इस बारे में एक-दो रोज में पत्र भेजा जाएगा।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.