अनिल अंबानी
अनिल अंबानीREUTERS/Shailesh Andrade

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी कभी भारत के अमीर उद्योगपतियों में थे, लेकिन अब नहीं हैं। अनिल अंबानी के वकीलों ने शुक्रवार को ब्रिटेन की अदालत में एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय दूरसंचार बाजार में 'संकट पैदा करने वाले घटनाओं' से अब अनिल अंबानी की स्थति पहले वाली नहीं रह गयी है।

यह अदालत चीन के शीर्ष बैंकों की एक अर्जी की सुनवाई कर रही है जिसमें अनिल अंबानी से 68 करोड़ डॉलर की वसूली की मांग है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान भारतीय उद्योगपतियों के वकीलों ने यह बात कही।

इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक आफ चाइना लि. की मुंबई शाखा ने अपनी ओर से, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक आफ चाइना ने अंबानी के खिलाफ सरसरी तौर पर पैसा जमा कराने का आदेश जारी करने की अपील की है। इन बैंकों का कहना है कि अनिली अंबानी ने फरवरी, 2012 में पुराने कर्ज को चुकाने के लिए करीब 92.5 करोड़ डॉलर के कर्ज के लिए कथित तौर पर व्यक्तिगत गारंटी का पालन नहीं किया है।

अंबानी (60) ने इस तरह की किसी गारंटी का अधिकार देने की बात का खंडन किया है। ऋण अनुबंध के तहत इसी लिए बैंकों ने यह मामला ब्रिटेन की अदालत के सामने रखा है। इंग्लैंड और वेल्स के उच्च न्यायालय की वाणिज्यिक विभाग में चीन के तीन बैंकों को रिलायंस कम्युनिकेशंस के 'बॉस' के खिलाफ पिछले साल दिए गए सशर्त आदेश की शर्तें तय करने के लिए सुनवाई चल रही है।

सुनवाई के दौरान अंबानी के वकीलों ने यह स्थापित करने का प्रयास किया कि यदि उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए तो अंबानी का नेटवर्थ शून्य होगा। उनके वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा, ''श्री अंबानी का नेटवर्थ 2012 से लगतार नीचे आ रहा है। भारत सरकार की स्पेक्ट्रम देने की नीति में बदलाव से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में नाटकीय बदलाव आया है।''

उनके वकील रॉबर्ट होवे ने कहा, ''2012 में अंबानी का निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था। आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है। यदि उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए, तो यह शून्य पर आ जाएगा।''

हालांकि, बैंकों के वकीलों ने अंबानी के इस दावे पर सवाल उठाते हुए उनके विलासिता की जीवनशैली का उल्लेख किया। बैंकों के वकीलों ने कहा कि अंबानी के पास 11 या अधिक लग्जरी कारें, एक प्राइवेट जेट, एक याट और दक्षिण मुंबई में एक विशिष्ट सीविंड पेंटहाउस है।

आधे दिन की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश डेविड वाक्समैन ने सवाल किया, ''श्री अंबानी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह व्यक्तिगत रूप से दिवालिया हो चुके हैं। क्या उन्होंने भारत में दिवालिया आवेदन किया है।''

अंबानी की वकीलों की टीम में शामिल देश के प्रमुख अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसका न में जवाब दिया। इसके बाद अदालत में भारत की दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) पर संक्षिप्त उल्लेख हुआ। होवे ने कहा, ''कुल मिलाकर स्थिति है कि श्री अंबानी 70 करोड़ डॉलर अदा करने की स्थिति में नहीं हैं।''

शुक्रवार को सुनवाई समाप्त होने के बाद न्यायाधीश ने संकेत दिया कि वह इस मामले पर दिन में बाद में फैसला सुनाएंगे। बैंकों के वकीलों ने कई ऐसे उदाहरण दिए जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें संकट से बाहर निकलने में मदद की।

वहीं बचाव पक्ष के वकीलों से यह स्थापित करने का प्रयास किया कि अंबानी के पास अपनी मां कोकिला, पत्नी टीना अंबानी और पुत्रों अनमोल और अंशुल की संपत्तियों और शेयरों तक कोई पहुंच नहीं है। इस पर वकीलों ने कहा कि क्या हम गंभीरता से यह मान सकते हैं कि संकट के समय उनकी मां, पत्नी और पुत्र उनकी मदद नहीं करेंगे।

बैंकों के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और वह फोर्ब्स की सूची में दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनका अनुमानित नेटवर्थ 55 से 57 अरब डॉलर है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.