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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो कुछ भी हुआ, ''राजनीति के तराजू से तौलकर और आधे-अधूरे मन से किया गया'' जबकि उनकी सरकार ने चुनौतियों को चुनौती देते हुए समस्याओं का समाधान निकालने के लिये दीर्घकालिक नीति के तहत काम किया जिससें अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी तथा वित्तीय घाटा एवं महंगाई स्थिर रही।

मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है। इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा, ''कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है। चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है।''

उन्होंने कहा कि लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, ''हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता।''

मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ''हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता। आपके तौर तरीके से चलते तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती।''

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर वह उनकी सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, करतारपुर साहिब गलियारा कभी नहीं बन पाता और भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के रास्ते पर हम चलते, तो देश 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का और 35 साल बाद भी अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान का इंतजार करता रहता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता और 20 साल बाद भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो पाती।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आपके लिये (कांग्रेस) (महात्मा) गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिये गांधीजी जिंदगी हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के तीसरे दशक में माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा व प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है।

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मोदी ने कहा कि हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि देश की जनता ने इसे देखा और देखने के बाद, उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए हमें फिर से सेवा का मौका दिया।

अगर ये तेज गति न होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक खाते इतनी जल्दी नहीं खुलते। उन्होंने कहा कि अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते। 13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता। दो करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते। लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता।

मोदी ने कहा, ''पूर्वोत्तर में पिछले पांच वर्ष में जो दिल्ली उन्हें दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है।चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, ये सब करने का हमने प्रयास किया है।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि बोड़ो जनजाति की चर्चा में कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ''लेकिन पहले जो कुछ भी हुआ, राजनीति के तराजू से तौलकर किया, जो भी किया आधे-अधूरे मन से किया गया। पहले समझौते तो हुए, फोटो भी छप गई, लेकिन कागज पर किये समझौते से बोड़ो जनजाति के लोगों का भला नहीं हुआ।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.