राजधानी बगदाद से उत्तर में स्थित अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले इराकी एयरबेस पर रॉकेटों से हुए हमले में चार स्थानीय सैनिक घायल हो गए हैं। इराक की सेना ने रविवार को यह जानकारी दी। सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, अल-बलाद एयरबेस पर कात्युसा श्रेणी के आठ रॉकेट गिरे। हमले में दो इराकी अधिकारी और दो पायलट घायल हुए हैं।
अल-बलाद इराक की एफ-16 के लिए मुख्य एयरबेस है। इन विमानों को इराक ने अपनी हवाई क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका से खरीदा है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस एयरबेस पर अमेरिकी वायुसेना की छोटी टुकड़ी और अमेरिकी ठेकेदार रहते थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह में अमेरिकी-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर ज्यादा अमेरिकी यहां से पहले ही जा चुके हैं।
सूत्रों में से एक ने बताया, ''अमेरिकी सलाहकारों में से करीब 90 प्रतिशत और सैलीपोर्ट तथा लॉकहीड एंड मार्टिन के कर्मचारी धमकियों के बाद ताजी और एर्बिल जा चुके हैं।'' उक्त दोनों कंपनियां विमानों की मरम्मत का काम करती हैं। सूत्र ने बताया, ''अल-बलाद में बमुश्किल 15 अमेरिकी सैनिक और एक विमान है।''
हाल के महीनों में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले शिविरों पर रॉकेटों और मोर्टार से लगातार हमले हो रहे हैं। हालांकि इन हमलों में ज्यादातर इराकी सैनिक ही घायल होते हैं, लेकिन पिछले महीने एक अमेरिकी ठेकेदार भी मारा गया था।
सैन्य ताकत के मामले में अमेरिका बेशक ईरान से काफी आगे हैं। अगर सैनिकों की बात करें तो कुछ इंटरनैशनल संस्थाओं का अनुमान है कि ईरान के पास इस वक्त करीब 5 लाख 23 हजार सक्रिय सैनिक हैं। इनमें आर्मी, नेवी, एयर फोर्स और रिवॉलूशनरी गार्ड्स के जवान शामिल हैं। दूसरी तरफ अमेरिका के पास करीब 13 लाख सैनिक हैं। इनमें से करीब 16-17 हजार सैनिक खाड़ी में तैनात हैं।
अनुमान के मुताबिक ईरान के युद्धक टैंकों, रॉकेट प्रॉजेक्टरों, ऑटोमैटिक तोपों, बख्तरबंद गाड़ियों और युद्धक वाहनों की कुल संख्या 8,577 है। जबकि अमेरिका के मामले में यह संख्या 48,422 है।
बात अगर समुद्री ताकत की करें तो ईरान के पास नवल शिप, पनडुब्बी, माइन वारफेयर आदि मिलाकर कुल संख्या 398 है। अमेरिका के लिए यह संख्या 415 है। ईरान के पास 34 सबमरीन, 88 पट्रोल वेसल, 3 माइन वारफेयर, 6 फ्रिगेट्स हैं।
अगर हवाई ताकत की बात करें तो ईरान के पास कुल 512 युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर हैं। अमेरिका के पास 10,000 से ज्यादा युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर हैं।
ऑपरेशनल मिसाइलों की संख्या के मामले में ईरान अमेरिका से आगे है, हालांकि उसकी ज्यादातर मिसाइलें कम या मध्यम दूरी की हैं। ईरान के पास 12 ऑपरेशनल मिसाइलें हैं जबकि अमेरिका के पास 7 ऑपरेशनल मिसाइलें हैं।
परमाणु हथियारों के मामले में तो अमेरिका का ईरान से कोई तुलना ही नहीं है। दुनिया में कुल परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत तो सिर्फ अमेरिका और रूस के पास हैं। यूएस और रूस के पास करीब बराबर-बराबर परमाणु हथियार हैं। दूसरी तरफ ईरान 2006 से ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में दुनिया भर में कुल 13,865 परमाणु हथियार थे। इनमें से 3,750 परमाणु हथियार तैनात हैं जिसमें 2000 तो हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं। 2018 में अमेरिका के पास कुल 6450 परमाणु हथियार थे, जिनमें से 1,750 तैनात थे। ईरान के पास एक भी परमाणु हथियार नहीं हैं। हालांकि, माना जाता है कि उसने पाकिस्तान के कुख्यात परमाणु तस्कर अब्दुल कादिर के जरिए परमाणु क्षमता हासिल कर ली है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएफपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.