वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम के अनुसार आर्थिक नरमी के चलते 2019 में वाहनों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित रही और इस दौरान वाहन उद्योग में दो दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। आगे भी बीएस- छह मानकों के अनुपालन को लेकर स्थिति कठिन बनी रहने की आशंका है।
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, आर्थिक नरमी, ग्रामीण मांग में कमी और उपभोक्ताओं की कमजोर धारणा से पिछले साल सभी श्रेणियों में वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई। विभिन्न श्रेणियों में वाहनों की कुल थोक बिक्री 2019 में 13.77 प्रतिशत घटकर 2,30,73,438 इकाई रही जबकि 2018 में यह आंकड़ा 2,67,58,787 वाहनों का रहा था।
सियाम ने साल 1997 से बिक्री के मासिक और वार्षिक आंकड़े दर्ज करने शुरू किए थे। यह तबसे लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 2007 में कुल बिक्री में 1.44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इसी प्रकार, यात्री वाहनों की बिक्री 2019 में 12.75 प्रतिशत गिरकर 29,62,052 वाहन रह गई। एक साल पहले इस दौरान 33,94,790 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।
इस दौरान , दुपहिया वाहनों की बिक्री भी 14.19 प्रतिशत गिरकर 1,85,68,280 इकाई रही, जो कि 2018 में 2,16,40,033 इकाइयों पर थी। वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 14.99 प्रतिशत गिरकर 8,54,759 वाहन रही। 2018 में यह आंकड़ा 10,05,502 इकाई पर था।
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने संवाददाताओं से कहा, "सरकार ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। इसके बावजूद वाहन उद्योग के लिए चुनौतियां बरकरार हैं। जीडीपी वृद्धि दर अब भी चिंता का विषय है क्योंकि वाणिज्यिक वाहन श्रेणी इससे स्पष्ट तौर पर जुड़ी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से मांग में आई कमी भी चिंता का विषय है।"
उन्होंने कहा कि यात्री वाहन श्रेणी में सिर्फ यूटिलिटी वाहनों की बिक्री अच्छी रही बाकी श्रेणियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। वढेरा ने 2020 के परिदृश्य को लेकर कहा कि बीएस -6 उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करने से स्थिति कठिन बनी हुई है।
उन्होंने कहा, "बीएस -6 नियमों का अनुपालन करने से वाणिज्यिक वाहनों के दाम 8 से 10 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। यह मांग को प्रभावित करेगा लेकिन यदि आर्थिक वृद्धि अच्छी होती है तो यह कारक इतनी दिक्कत नहीं करता।"
इसी प्रकार, यात्री वाहनों की लागत में तीन से सात प्रतिशत तक बढ़ सकती है। उद्योग की बजट से अपेक्षाओं पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने जीएसटी दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग को दोहराया। मांग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कबाड़ नीति लाये जाने पर भी जोर दिया।
दिसंबर महीने में , घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री 1.24 प्रतिशत घटकर 2,35,786 इकाई रही। इससे पहले दिसंबर , 2018 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,38,753 वाहन रही थी। घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 8.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,42,126 इकाई रह गई, जो दिसंबर , 2018 में 1,55,159 इकाई रही थी।
मोटरसाइकिलों की बिक्री आलोच्य माह में 12.01 प्रतिशत गिरकर 6,97,819 इकाई रही। इससे एक साल पहले इसी महीने में 7,93,042 मोटरसाइकिलों की बिक्री हुई थी। दिसंबर में दुपहिया वाहनों की कुल बिक्री भी 16.6 प्रतिशत घटकर 10,50,038 इकाई रही, जो इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में 12,59,007 इकाई थी।
इसी तरह वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 12.32 प्रतिशत घटकर 66,622 इकाई रह गई। माह के दौरान विभिन्न श्रेणियों में वाहनों की बिक्री 13.08 प्रतिशत घटकर 14,05,776 वाहन रही, जो दिसंबर , 2018 में 16,17,398 इकाई रही थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.