भारत ने अपने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को अरब सागर में तैनात किया है। भारत ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब चीन और पाकिस्तान उस क्षेत्र में नौ दिवसीय नौसैनिक अभ्यास कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस कदम के जरिए भारत ने अपने दोनों पड़ोसियों को स्पष्ट संकेत दिया है। कश्मीर मामले में चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बाद यह युद्धाभ्यास 'सी गार्जियन' किया जा रहा है।
सैन्य सूत्रों ने पीटीआई भाषा को बताया कि जब पोत को सामरिक मिशन पर तैनात किया गया, नौसेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी विमानवाहक पोत पर सवार थे। पाकिस्तान और चीन का नौसेना अभ्यास सोमवार को उत्तरी अरब सागर में शुरू हुआ था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है।
कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच 'सी गार्जियन' अभ्यास हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को सामरिक उद्देश्य के साथ भेजा गया है और उस पर मिग 29के युद्धक विमान तैनात हैं।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के उप-प्रमुख एम एस पवार ने अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य के परिचालन की समीक्षा की।
प्रवक्ता के अनुसार उप-प्रमुख ने विश्वास व्यक्त किया कि आईएनएस विक्रमादित्य अपने नाम को सच साबित करेगा और लड़ाई में हमेशा विजयी रहेगा। चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है और इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।
आईएनएस विक्रमादित्य को नवंबर 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और उसे वैश्विक स्तर पर शीर्ष के विमान वाहकों में से एक माना जाता है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.