केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नामित किया है। बता दें कि सीडीएस का पद 'फोर स्टार' जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा। रावत 31 दिसंबर को सेनाध्यक्ष पद से रिटायर हो रहे हैं। रावत की जगह मनोज मुकुंद नरवणे नए आर्मी चीफ होंगे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे। सीडीएस का काम तीनों सेनाओं के बीच समवन्य बनाना होगा। सीडीएस सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को रिपोर्ट करेंगे और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमेटी में वह सैन्य बलों की ओर से सिंगल विंडो से सलाह देंगे।
सीडीएस रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार भी होंगे और भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच तीन सेवाओं के प्रशिक्षण, रसद और खरीद में संयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए सैन्य मामलों के नए विभाग के प्रमुख होंगे।
बिपिन रावत को भारतीय सेना के प्रमुख के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवा से सेवानिवृत्त होने के ठीक एक दिन पहले सीडीएस नामित किया गया है।
वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम, श्रीलंका, इटली, फ्रांस सहित करीब दस देशों में इसकी व्यवस्था थी, अब भारत का भी इसमें नाम जुड़ गया है। बता दें, कि हर देश अपने यहां सीडीएस को अलग अलग शक्तियां प्रदान करता है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति से तीनों सेनाओं के बीच समन्वय मजबूत होगा और सैन्य ऑपरेशन की स्थिति में रणनीति पर तेजी से अमल हो सकेगा।
1999 में हुए करगिल युद्ध के बाद जब 2001 में तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने समीक्षा की तो पाया कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की कमी रही। अगर तीनों सेनाओं के बीच ठीक से तालमेल होता तो नुकसान को काफी कम किया जा सकता था। उस वक्त चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) पद बनाने का सुझाव दिया था।
वहीं 20 साल बाद इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सीडीएस का पद सृजित करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे सीडीएस कहा जाएगा।
उनकी घोषणा के बाद सीडीएस की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।