ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने रविवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती जारी रखी। दिल्ली में इन चार दिनों में पेट्रोल 1.27 रुपये लीटर सस्ता हुआ, जबकि डीजल के दाम में 55 पैसे लीटर की कटौती दर्ज की गई। पेट्रोल और डीजल के दाम में इस कटौती से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि यह राहत आगे बहुत दिनों तक नहीं मिलने वाली है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम तेज है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिनों से ब्रेंट क्रूड वायदा भाव औसतन 71.32 डॉलर प्रति बैरल रहा है और पिछले सप्ताह के आखिरी सत्र में भी 70 डॉलर से उपर ही बंद हुआ। इस दौरान ब्रेंट क्रूड का ऊपरी स्तर और निचला स्तर क्रमश: 75.60 डॉलर प्रति बैरल और 68.79 डॉलर प्रति बैरल रहा है।
अगर पिछले साल नवंबर महीने के आखिरी 15 दिनों में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव देखा जाए तो यह 62.10 डॉलर प्रति बैरल रहा है, जबकि नवंबर आखिर में दिल्ली में पेट्रोल का भाव 72.87 रुपये प्रति लीटर था। बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में उतार-चढ़ाव का असर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर करीब दो सप्ताह बाद दिखता है।
ऐसे में दिल्ली में इस समय पेट्रोल का 71.73 रुपये लीटर होना साफ इशारा कर रहा है कि तेल कंपनियां घाटा उठाकर तेल के दाम में कटौती कर रही है क्योंकि कंपनियों को राहत दिलाने के लिए टैक्सों में भी कोई कटौती नहीं की गई। केंद्र सरकार ने आखिरी बार 4 अक्टूबर 2018 को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 1.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी और तेल कंपनियों को एक रुपया प्रति लीटर कटौती का बोझ उठाने को कहा था। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में रेकॉर्ड वृद्धि के बाद यह फैसला लिया था। केंद्र की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी शासित कुछ राज्यों में भी तेल पर लागू वैट में कटौती की गई थी।
इंडियन ऑइल की वेबसाइट के अनुसार, रविवार को दिल्ली कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के भाव घटकर क्रमश: 71.73 रुपये, 73.79 रुपये, 77.34 रुपये और 74.46 रुपये प्रति लीटर हो गए। वहीं, चारों महानगरों में डीजल के भाव घटकर क्रमश: 66.11 रुपये, 67.86 रुपये, 69.27 रुपये और 69.88 रुपये प्रति लीटर रहे।
देश की राजधानी दिल्ली समेत सात राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर रविवार को मतदान संपन्न हुआ। देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में अब बाकी सीटों पर 19 मई को मतदान होगा।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (इनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में पिछले 15 दिनों में जो गिरावट आई है उससे पेट्रोल और डीजल के दाम में ज्यादा कमी आने की गुंजाइश कम है। यह पूछे जाने पर कि क्या तेल कंपनियां घाटा उठा रही हैं, उन्होंने कहा कि अगर तेल कंपनियां नुकसान उठा रही हैं तो आगे वे आगे इस नुकसान की भरपाई भी कर सकती हैं। मतलब चुनाव के बाद तेल के दाम में वृद्धि तय है।
गुप्ता ने बताया, 'चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में तीन-चार रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि देखी जा सकती है। मगर, यह वृद्धि एक साथ नहीं होगी धीरे-धीर तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि करेंगी।' उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव अभी भी 70 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बना हुआ है इसलिए आगे तेल के दाम में राहत की गुंजाइश कम है।