यमुना एक्सप्रेसवे घोटाला मामले की जांच का जिम्मा अब सीबीआई ने ले लिया है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनुशंसा के अनुरूप यह कदम उठाया है.
सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में बड़ी जमीनों की खरीद में हुई 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जुलाई, 2018 में इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. आरोप है कि यमुना एक्सप्रेस इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ गुप्ता ने अधिकारियों और कर्मचारियों को गठजोड़ बनाकर मथुरा के 7 गांवों में 19 कंपनियों की मदद से 85.49 करोड़ रुपये में जमीन की खरीद की थी. इसके बाद इस जमीन को अथॉरिटी को ऊंचे दामों पर बेचा गया, जिसके चलते 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) की वित्तीय जांच (ऑडिट) नियंत्रक एवं लेखा महारीक्षक (सीएजी) से कराने का फैसला 2017 में लिया था. औद्योगिक विकास विभाग ने इस संबंध में सीएजी के अकाउंटेंट जनरल को पत्र भेजा था.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.