रक्षा सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मंगलवार, 24 दिसंबर को घोषित की गई शीर्ष सैन्य पद के निर्माण की सिफारिश विभिन्न रक्षा पैनलों द्वारा लंबे समय से की जा रही है। माना जा रहा है कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा सकता है, जो 31 दिसंबर को सेना से सेवानिवृत हो रहे हैं।
मंगलवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे। उनका वेतन सेना प्रमुख के समान होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख होंगे जिसका सृजन रक्षा मंत्रालय करेगा और वह इसके सचिव के रूप में काम करेंगे।
सीडीएस सैन्य सुरक्षा मसले पर रक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकार होंगे जिनका वेतन बाकी तीनों सेना प्रमुख के बराबर होगा। साथ ही कोई सीडीएस पद से रिटायर होने के बाद कोई सरकारी पद नहीं ले सकेगा और पांच साल तक बिना सरकार की इजाजत के प्राइवेट कंपनी या कॉरपोरेट में नौकरी नहीं कर पाएंगे।
1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने सरकार को एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के सृजन का सुझाव दिया था। सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। इस समिति ने सीडीएस की जिम्मेदारियों और ढांचे को अंतिम रूप दिया था।
दरअसल, साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध की जब तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने समीक्षा की तो यह पाया कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की कमी थी। अगर तीनों सेनाओं के बीच आपसी समन्वय होता तो नुकसान को कम किया जा सकता था। उस समय चीफ ऑफ डिफेंस के पद बनाने का सुझाव दिया गया था।
बता दें कि 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुख के तौर पर 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ' (सीडीएस) पद का ऐलान किया था। मालूम हो कि 1999 में कारगिल युद्ध के समय आया यह प्रस्ताव अब तक लंबित था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि सीडीएस थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगा और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देगा। प्रधानमंत्री ने कहा था, 'भारत में अब 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ' होगा. इससे हमारे सशस्त्र बल और अधिक प्रभावशाली बनेंगे।'