राजस्थान के जयपुर की एक विशेष अदालत ने 2008 के जयपुर बम विस्फोट मामले में चार दोषियों को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई।इस मामले में जिन चार आरोपियों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है उनमें मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान हैं। विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने शुक्रवार शाम यह सजा सुनाई।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा है अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। लोक अभियोजक श्री चंद ने बताया कि चारों दोषियों को अलग अलग धाराओं में अलग-अलग सजा दी गयी है।
उन्होंने बताया, ''जिन-जिन धाराओं के तहत अपराध के मामले दर्ज थे, उनके हिसाब से (दोषियों को) अलग-अलग सजा दी गयी है। लेकिन, चारों को आईपीसी की धारा 302 व विधि विरुद्ध क्रियाकलाप की धारा 16 वन ए, इन दोनों में फांसी की सजा दी गयी है और 50—50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।''
उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने बुधवार को दिए फैसले में जयपुर बम विस्फोट मामले में चार आरोपियों मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया। अदालत ने चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307,324, 326, 120 बी, 121ए और 124 ए, 153 ए के तहत दोषी माना है। इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा तीन के तहत तथा विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है।
वहीं बचाव पक्ष के वकील पैकर फारुक ने फैसला आने के बाद अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उच्च न्यायालय में विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी जाएगी।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को शाम लगभग सवा सात बजे 15 मिनट में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे। लगभग 11 साल पहले हुए इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। इन धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे।
पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे।
बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की थी। इन पांच के अलावा विस्फोट मामले में आरोपी शादाब, मोहम्मद खालिद व साजिद अब भी फरार हैं जबकि दो आरोपी मोहम्मद आतिफ व छोटा साजिद सितंबर 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए थे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.