हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले ने शुक्रवार, 6 दिसंबर की सुबह एक बेहद चौंकाने वाला मोड़ ले लिया जब इस घटना के सभी चारों अभियुक्तों को साइबरबाद पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। पुलिस द्वारा चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया था ताकि घटना के दिन क्या हुआ यह पता लगाया जा सके और इसी दौरान आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस का दावा है कि उन्हें आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।
हैदराबाद शादनगर में जानवरों की डॉक्टर से रेप और हत्या के केस में पुलिस ने चारों आरोपियों शिवा, नवीन, केशवुलू और मोहम्मद आरिफ को पुलिस रिमांड में रखा गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस जांच के लिए चारों को उस फ्लाइओवर के नीचे लेकर गई थी जहां उन्होंने पीड़िता को आग के हवाले किया था। वहां क्राइम सीन को रीक्रिएट किया जा रहा था। इसी बीच चारों ने भागने की कोशिश की।
कल ही पुलिस द्वारा दिशा का सेलफोन उस स्थान से बरामद किया गया था जहां आरोपियों ने डॉक्टर के साथ मारपीट करने के बाद दफनाया था।
तेलंगाना सरकार ने इस मामले में आरोपियों को भीड़ के हवाले करने के आह्वान के बीच एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना को मंजूरी दे दी थी।
यह घटना 2008 में वारंगल में हुए एसिड हमले के तीनों आरोपियों की हत्या की याद दिलाती है। वीसी सज्जनर जो अब साइबराबाद के पुलिस आयुक्त हैं, उस समय वारंगल के एसपी थे।
बता दें कि 27 नवंबर की रात 27 साल की जानवरों की डॉक्टर को इन दरिंदो ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया था। शराब पीते हुए आरोपियों ने डॉक्टर को स्कूटी पार्क करते हुए देखा था और यह दुस्साहसी प्लान बना लिया था। स्कूटी की हवा निकालकर पहले मदद का बहाना किया और फिर मोबाइल छीन लिया। इसके बाद चारों आरोपियों ने डॉक्टर के साथ बारी-बारी से दरिंदगी की और गला दबाकर हत्या कर दी। ये यहीं नहीं रुके।
हत्या के बाद शव को ट्रक में रखकर टोल बूथ से करीब 25 किलोमीटर दूर एक ओवरब्रिज के नीचे फेंक दिया और फिर पेट्रोल-डीजल छिड़कर आग के हवाले कर दिया। सुबह एक दूध बेचने वाले ने जले हुए शव को देखकर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद इस हैवानियत के बारे में पता चला।