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संविधान दिवस के अवसर पर संसद के दोनों सदनों की मंगलवार को हुई संयुक्त बैठक का कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों समेत विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया, वहीं बसपा के सदस्य इस समारोह में शामिल हुए। तृणमूल कांग्रेस ने भी संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह का बहिष्कार किया, हालांकि इस पार्टी की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां केन्द्रीय में दिखाई दीं।

संविधान को अंगीकार करने के 70 वर्ष पूरा होने के मौके पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया।

महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर भाजपा का विरोध करते हुए कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य संविधान दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुए। हालांकि तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां की इस समारोह में उपस्थिति चर्चा की विषय रही।

संयुक्त बैठक में भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उसके सहयोगी दलों जनता दल यू (जदयू), अकाली दल, अपना दल, अन्नाद्रमुक और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस आदि दलों के दोनों सदनों के सदस्य उपस्थित थे।

इस दौरान बसपा के राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र और लोकसभा सदस्य दानिश अली तथा मलूक नागर, तेदेपा के लोकसभा सदस्य राममोहन नायडू, टीआरएस के राज्यसभा सदस्य के केशव राव, लोकसभा सदस्य नमा नागेश्वर राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य विजय साई रेड्डी और लोकसभा सदस्य मिथुन रेड्डी तथा रघु रामकृष्ण राजू आदि उपस्थित थे।

इससे पहले कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी दलों ने संविधान दिवस के अवसर पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का बहिष्कार किया और संसद भवन परिसर में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मुद्दे पर हुए इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

प्रदर्शन में कांग्रेस के अलावा द्रमुक, राकांपा, राजद, भाकपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।

यह पहला मौका है जबकि कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को शिवसेना का समर्थन मिला। इन नेताओं ने हाथों में बैनर ले रखा था जिस पर 'संकट में संविधान संकट'' लिखा हुआ था।उन्होंने ''संविधान की हत्या बंद करो' के नारे लगाये।

प्रदर्शन में द्रमुक के टी आर बालू, शिवसेना के अरविंद सावंत, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और राकांपा के माजिद मेमन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.