केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के बाद कांग्रेस नेता गुस्से से लाल हो गए हैं और उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना की है.
हालांकि, गांधी परिवार अब पूरे देश में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा दिए जाने वाले 'जेड प्लस' सुरक्षा चक्र के घेरे में रहेगा लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद सियासी घमासान मचने की पूरी संभावना है और कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने अपने बयानों में इस फैसले के लिए मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए इसे व्यक्तिगत रूप से बदला लेने की कार्रवाई बताया है।
समाचार चैनल एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से वह कारण भी सामने आ रहे हैं जिनके चलते सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
सोनिया गांधी ने कब-कब किया एसपीजी सुरक्षा से खिलवाड़
सूत्रों के अनुसार 2015 से 2019 के बीच सोनिया गांधी 50 मौकों पर बगैर बुलेट प्रूफ वाहनों के दिल्ली में सफर कर चुकी हैं. इसके अलावा एक बार राहुल गांधी, सोनिया गांधी को अपनी नॉन बुलेट प्रुफ कार में भी ले जा चुके हैं. जानकारी के अनुसार पिछले 5 सालों में सोनिया गांधी 13 बार देश के अलग-अलग हिस्सों में अनिर्धारित यात्राएं कर चुकी हैं, जहां उन्होंने बुलेट प्रूफ वाहन का इस्तेमाल भी नहीं किया है. इसके अलावा अपनी 24 विदेश यात्राओं के दौरान सोनिया गांधी ने एसपीजी सुरक्षा अधिकारियों को अपने साथ नहीं रखा.
राहुल गांधी ने कब-कब किया एसपीजी सुरक्षा से खिलवाड़
साल 2005 से 2014 के बीच राहुल गांधी ने 18 मौकों पर ऐसे वाहनों में सफर किया जो बुलेट प्रूफ नहीं थे.
साल 2015 से मई 2019 के बीच ऐसे 1892 मौके आए जब राहुल गांधी बगैर बुलेट प्रूफ गांड़ी के दिल्ली के भीतर घूमे, यानी की करीब रोजाना एक बार ऐसा हुआ. इसके अलावा 247 बार वह नॉन बुलेट प्रूफ वाहनों से दिल्ली से बाहर भी गए.
कई मौकों पर राहुल गांधी सुरक्षा कारणों की अनदेखी करते हुए कारों की छतों पर बैठकर यात्रा की. सूत्रों के अनुसार 4 अगस्त 2017 को गुजरात के बांसखांटा में नॉन बुलेट प्रूफ वाहन से सफर किया जबकि एसपीजी द्वारा सुरक्षा कारणों से उन्हें बुलेट प्रूफ वाहन से सफर करने की सलाह दी गई थी. राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके ऊपर पथराव हुआ जिसमें एक एसपीजी पीएसओ घायल हो गया. एसपीजी के मुताबिक अगर नसीहत पर गौर किया जाता तो पत्थरबाजी की इस घटना से बचा जा सकता था.
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी साल 1991 से लेकर अबतक 156 विदेश यात्राएं कर चुके हैं. इनमें से 143 विदेश यात्राओं के दौरान राहुल गांधी ने एसपीजी सुरक्षा को अपने साथ नहीं रखा.
एसपीजी ने इस बात से भी नाराजगी जाहिर की है कि पिछले 5 सालों में राहुल गांधी ने कई मौकों पर अपने भाषणों में एसपीजी का नाम घसीटा है. जोकि अवांछनीय है.
प्रियंका गांधी ने कब-कब किया एसपीजी सुरक्षा से खिलवाड़
साल 2015 से लेकर 2019 के बीच प्रियंका गांधी ने दिल्ली के भीतर 339 मौकों पर एसपीजी बुलेट प्रूफ वाहन का इस्तेमाल नहीं किया है जबकि 64 बार ऐसे मौके आए जब प्रियंका ने दिल्ली से बाहर एसपीजी बुलेट प्रूफ वाहन का इस्तेमाल नहीं किया. यहां तक की कई बार एसपीजी अधिकारियों की सलाह के बावजूद प्रियंका ने बुलेट प्रुफ वाहन का इस्तेमाल नहीं किया.
1991 से लेकर 2019 के दौरान प्रियंका गांधी 99 विदेश यात्राएं कर चुकी हैं. जिनमें से सिर्फ 21 बार वह अपने साथ एसपीजी के सुरक्षा अधिकारियों को लेकर गईं थीं. जबकि 78 मौकों पर वह बिना एसपीजी सुरक्षा अधिकारियों के विदेश यात्राओं पर गईं. ज्यादातर मौकों पर उन्होंने आखिरी मौकों पर अपनी यात्राओं की जानकारी दी, एसपीजी के मुताबिक आखिरी के कुछ मौकों पर प्रियंका गांधी के लिए एसपीजी अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं थी.
एसपीजी के अनुसार साल 2014 से लेकर अब तक कई बार प्रियंका गांधी एसपीजी के अधिकारियों पर आरोप लगा चुकी हैं कि उनकी निजी जानकारियां एकत्र करके अनाधिकृत शख्स को दी जा रही हैं. यहां तक की वह एसपीजी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दे चुकी हैं.