महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक हलचल के बीच किसी भी संभावित खरीद-फरोख्त से बचने के लिए शिवसेना ने अपने सभी 56 विधायकों को उपनगरीय बांद्रा में समुद्र के किनारे स्थित एक निजी होटल में ठहराने करने का फैसला किया है। शिवसेना से जुड़े सूत्रों में गुरुवार को इस बाबत जानकारी दी। दूसरी तरफ बीजेपी के नेता भी राजयपाल से मिले हैं।
शिवसेना की मांग है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद बीजेपी और शिवसेना को दिया जाए। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी सीएम पद को लेकर झुकने वाली नहीं है। वहीं, बीजेपी किसी भी कीमत पर सीएम पद शिवसेना को देने को तैयार नहीं है। बीजेपी के कई नेताओं ने गुरुवार को भी कहा कि सीएम बीजेपी का ही बनेगा।
मुंबई और महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले विधायकों को बांद्रा वेस्ट में बैंडस्टैंड के पास स्थित होटल रंगशारदा में ठहराए जाने की संभावना है।
राजनीतिक हलकों में तैर रही अटकलों के विपरीत, विधायकों को पांच सितारा होटल में रखने की जगह एक सुविधाजनक स्थान पर एक मामूली और आरामदायक होटल में रुकवाया जा रहा है।
यह होटल बांद्रा पूर्व में स्थित शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निवास से मुश्किल से कुछ किलोमीटर दूर है जबकि शिवसेना भवन से 4 किमी, राजभवन से 16 किमी और विधान भवन से 19 किमी दूर स्थित है।
इस कदम के बारे में पूछे जाने पर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपनी पार्टी के किसी भी विधायक के पाला बदलने की सम्भावना से इनकार किया। बीजेपी के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी अपनी पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रति समान भावना व्यक्त की।
इस बीच खबर है कि, संभावित दल-बदलुओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अनौपचारिक रूप से इस बाबत समझौता कर चुकी हैं कि यदि कोई भी विधायक अपने संबंधित दलों के खिलाफ आता है, तो अगले चुनाव में मिलकर उसे पराजित किया जाएगा।
इन सब संकेतों से स्पष्ट है कि शिवसैनिकों और कांग्रेस-एनसीपी के कार्यकर्ताओं के समूह अपने-अपने विधायकों की हरकतों, गतिविधियों और आगंतुकों पर 24x7 नजर रख रहे हैं, ताकि बीजेपी को बहुमत के लिए आवश्यक संख्याबल पाने से किसी तरह रोका जा सके।
विधायकों को लेकर शिवसेना कितनी सचेत है, इसका संकेत उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में मिला। शिवसेना विधायकों को फोन स्विच ऑफ करने के निर्देश दिए गए और उनके मोबाइल मीटिंग हॉल से बाहर जमा करा लिए गए। समाचार चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक, शिवसेना की मीटिंग में सभी विधायकों ने 50-50 फॉर्म्युले पर बरकरार रहने की बात कही। सभी विधायकों ने पार्टी की सीएम पद को लेकर की जा रही मांग का भी पुरजोर समर्थन किया है।
दूसरी तरफ राजयपाल से मिलने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने एक बार फिर से गठबंधन सरकार बनने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, 'इस चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने बीते 5 साल तक सरकार चलाने वाले बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है। उस जनादेश के आधार पर अब तक सरकार बननी चाहिए थी, यह सभी नागरिकों की इच्छा है। उसमें समय जा रहा है, ऐसे में इस पर कानूनी दृष्टि से चर्चा करने के लिए हम राज्यपाल महोदय से मिले। हमने उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया।'
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 2014 में गठित हुई विधानसभा का शनिवार को आखिरी दिन है लेकिन अब तक नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। शिवसेना भले ही बीजेपी को धमकी दे रही है कि वह दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है लेकिन उसने अब तक किसी भी दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। बीजेपी भी अब तक सरकार गठन को लेकर पूरी तरह सक्रिय नहीं दिखी है। एक तरह से सूबे की सभी 4 प्रमुख पार्टियां बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार गठन पर ठहरी हुई दिखती हैं।