सहकारी ऋणदाता पीएमसी बैंक के एक और जमाकर्ता की मौत का मामला सामने आया है। मृतक के परिवारवालों ने मौत का कारण कथित तौर पर इलाज का खर्च नहीं उठा पाना बताया है। मृतक के पोते क्रिस ने समाचार एजेंसी को बताया कि 74 वर्षीय एंड्रयू लोबो का गुरुवार देर शाम ठाणे के पास काशेली में उनके घर पर निधन हो गया।
एंड्रयू लोबो पीएमसी बैंक पर आरबीआई द्वारा नकदी निकासी की सीमा लगाए जाने के बाद से मारे जाने वाले आठवें जमाकर्ता हैं।
आरबीआई के इस फैसले के बाद 23 सितंबर को एक जमाकर्ता ने आत्महत्या कर ली थी। क्रिस ने बताया कि लोबो के बैंक खाते में 26 लाख से अधिक रुपये जमा थे। लोबो इस जमा राशि के ब्याज से अपना गुजारा करते थे।
क्रिस ने कहा, 'दो महीने पहले उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया जिसके लिए उन्हें नियमित दवाओं और डॉक्टरों के इलाज की जरूरत थी। उनका पैसा बैंक में अटका हुआ था जिसके कारण उनकी चिकित्सा जरुरतें पूरी नहीं हो पायी।'
पीएमसी बैंक देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है और इसकी 137 शाखाएं हैं। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी।
पीएमसी बैंक के डूबने की खबरें फैलते ही लोग पैसे निकालने के लिए बैंक में उमड़ पड़े थे, जिससे काफी अफरा-तफरी मच गई थी। पंजाब एंड महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक में ग्राहकों का 11500 करोड़ रुपया जमा हैं, बैंक के ब्रांच पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में भी हैं।
बीते 24 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटिस जारी कर बैंक पर छह महीनों के लिए लेनदेन समेत कई तरह का प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके मुताबिक न तो बैंक कोई नया लोन जारी कर सकता है और न ही इसका कोई ग्राहक 25,000 रुपये से अधिक की निकासी कर सकता था। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं और प्रवर्तन निदेशालय हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से संबंधित अन्य कंपनियों के बारे में जांच कर रहा है।
रिजर्व बैंक ने तीन अक्टूबर को पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए कैश निकालने की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी थी, लेकिन बाद में इसमें फिर तब्दीली की गई और विथड्रॉल रकम की सीमा बढ़ाकर 40 हजार कर दिया गया। इससे वर्तमान में पीएमसी बैंक के ग्राहक अपने खाते से 40,000 रुपये तक निकाल सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डिपॉजिटर्स के हित और बैंक का रिवाइवल पहली प्राथमिकता है।
कैश विदड्रॉल की लिमिट तय करने का कारण मैनेजमेंट को बैंक की कैश होल्डिंग्स को बाहर निकालने से रोकना है। आरबीआई के मौजूदा और पूर्व एंप्लॉयीज की दो कोऑपरेटिव सोसायटीज के पीएमसी बैंक के पास लगभग 200 करोड़ रुपये जमा हैं। बैंक के डिपॉजिटर्स कैश विथड्रॉल की लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बैंक में फ्रॉड के विरोध में और विथड्रॉल लिमिट बढ़ाने की मांग को लेकर डिपॉजिटर्स ने प्रदर्शन भी किए हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.