रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी फ्रांसीसी समकक्ष के साथ ''उपयोगी बातचीत'' की और इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा की। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सहयोग को और प्रगाढ़ करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी।
सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने मंगलवार को दूसरी भारत-फ्रांस मंत्रिस्तरीय वार्षिक रक्षा वार्ता की। उससे पहले फ्रांस ने भारत को पहला राफेल युद्धक विमान औपचारिक रूप से सौंपा। सिंह ने बैठक के कुछ देर बाद ट्वीट किया कि फ्लोरेंस पार्ली के साथ उपयोगी चर्चा हुई।
Had fruitful deliberations with the French Minister of Armed Forces, Ms Florence Parly during the Annual Defence Dialogue in Paris.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) 9 October 2019
We assessed and reviewed the full spectrum of our bilateral defence engagement. pic.twitter.com/JmEQ0ZNsSm
उन्होंने कहा, ''हमने अपने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी मुद्दों का आकलन और समीक्षा की।'' रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वार्षिक रक्षा वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की व्यापक समीक्षा की।
रक्षा सहयोग भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख स्तम्भ है। इसमें कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने की भी पुष्टि की। दोनों नेताओं ने मौजूदा क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने रक्षा से संबंधित आधिकारिक और संचालन स्तर पर बातचीत को और भी सुदृढ़ बनाने के बारे में चर्चा की।
दोनों पक्षों ने संयुक्त रक्षा अभ्यासों-शक्ति, वरुण और गरुड़ के कार्य क्षेत्र को विस्तार देने पर सहमति भी व्यक्त की। बयान के अनुसार दोनों देशों ने यह स्वीकार किया कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस साझेदारी रणनीतिक और सुरक्षा हितों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों मंत्रियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक विजन में उल्लिखित कार्यों को जारी रखने की बात कही।
मंगलवार रात सिंह का फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय 'होटल डे ब्रायन' में सैन्य सलामी गारद से स्वागत किया गया था। मंगलवार को उनका दिन भर व्यस्त कार्यक्रम रहा और इस दौरान उन्होंने भारतीय वायु सेना की ओर से पहला राफेल लड़ाकू जेट विमान प्राप्त किया।
इससे पहले सिंह ने नये विमान का शस्त्र पूजन करते हुए कहा था, ''यह भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी में एक नया मील का पत्थर है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग एक नये मुकाम पर पहुंचा है। ऐसी उपलब्धियां हमें और कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं और जब मैं मंत्री पार्ली से मुलाकात करूंगा तो यह मेरे एजेंडे में होगा।''
पूजा करने के बाद सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान में कुछ देर तक उड़ान भी भरी थी। सिंह फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं और वह इस दौरान फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनी सफरन का भी दौरा करेंगे जो राफेल लड़ाकू जेट के लिए इंजन का उत्पादन करती है। उनकी यात्रा फ्रांसीसी व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों के साथ बैठक के साथ समाप्त होगी। वह उन लोगों को अगले साल पांच से आठ फरवरी तक लखनऊ में आयोजित होने वाले डेफएक्सपो में भाग लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण भी देंगे।
सिंह ने अपनी यात्रा की शुरूआत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से उनके आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मुलाकात से की थी। उन्होंने विमान में करीब 25 मिनट उड़ान भरने के बाद कहा था कि यह विमान भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा लेकिन इस क्षमता का मकसद हमला नहीं बल्कि यह आत्मरक्षा के लिये प्रतिरोधी शक्ति है। इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
सिंह ने कहा है कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक मिल जाने की उम्मीद है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।