मानव शरीर में कोशिकाएं ऑक्सीजन की उपलब्धता का आभास कैसे करती हैं और कैसे खुद को उसके अनुकूल बनाती हैं, इस विषय पर अनुसंधान के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों विलियम जी केलिन जूनियर तथा ग्रेग सेमेंजा और ब्रिटेन के सर पीटर जे रैटक्लिफ को चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
निर्णायक मंडल ने सोमवार को तीनों वैज्ञानिकों के नाम की घोषणा करते हुए कहा, ''उन्होंने इस संबंध में हमारी समझ को आधार प्रदान किया कि ऑक्सीजन का स्तर कोशिकीय चयापचय (सेलुलर मेटाबोलिज्म) और शारीरिक क्रियाकलापों को किस तरह प्रभावित करता है।''
BREAKING NEWS:
— The Nobel Prize (@NobelPrize) 7 October 2019
The 2019 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to William G. Kaelin Jr, Sir Peter J. Ratcliffe and Gregg L. Semenza “for their discoveries of how cells sense and adapt to oxygen availability.” pic.twitter.com/6m2LJclOoL
उन्होंने कहा, ''उनके अनुसंधान से एनीमिया, कैंसर और अन्य कई बीमारियों से लड़ने की भरोसा पैदा करने वाली नयी रणनीतियों का रास्ता साफ हो गया है।''
ज्यूरी के अनुसार तीनों वैज्ञानिकों ने उस आणविक तंत्र की पहचान की जो ऑक्सीजन के विविध स्तरों के चलते जीन्स की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इससे कई बीमारियां जुड़ी होती हैं।
निर्णायक मंडल ने कहा, ''अकादमिक प्रयोगशालाओं और फार्मास्युटिकल्स कंपनियों में इस तरह की दवाएं बनाने के गहन प्रयास चल रहे हैं जो ऑक्सीजन संवेदी तंत्र को सक्रिय कर या अवरुद्ध कर विभिन्न रोगों की अवस्थाओं में कारगर हो सकती हैं।''
अमेरिकी खोजकर्ता विलियम जी केलिन जूनियर का जन्म 1957 में न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने दरहम के ड्यूक यूनिवर्सिटी से एमडी की डिग्री हासिल की। उन्होंने बाल्टीमोर के जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और बॉस्टन के दाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट, से इंटरनल मेडिसिन और ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञ प्रशिक्षण हासिल किया।
सर पीटर जे रैटक्लिफ का जन्म इंग्लैंड के लंकाशायर में 1954 में हुआ था। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के गोन्विले और साइअस कॉलेज से मेडिसिन की पढ़ाई की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड से नेफ्रोलॉजी में ट्रेनिंग भी हासिल की है।
ग्रेग एल सेमेंजा भी न्यूयॉर्क के रहने वाले हैं और उनका जन्म 1956 में हुआ। उन्होंने बॉस्टन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बॉयोलॉजी में बीए की डिग्री हासिल की। सेमेंजा ने पेन्सिवेनिया यूनिवर्सिटी से एमडी/पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
तीनों के बीच नोबेल पुरस्कार की 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर (करीब 9,14,000 अमेरिकी डॉलर) की राशि साझा होगी। वे 10 दिसंबर को स्टाकहोम में एक औपचारिक समारोह में किंग कार्ल 16वें गुस्ताफ से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
पिछले साल यह पुरस्कार अमेरिका के प्रतिरक्षा विज्ञानी जेम्स एलिसन और जापान के तासुकू होंजो को प्रदान किया गया था। इस साल के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा मंगलवार को और रसायनशास्त्र के विजेताओं की घोषणा बुधवार को की जाएगी।
इसके अलावा स्वीडिश अकादमी 2018 और 2019 दोनों ही वर्षों के लिए साहित्य नोबेल पुरस्कारों का घोषणा करेगी। 2018 में यौन उत्पीड़न के मामले में फंसने की वजह से साहित्य के नोबेल पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था।
शांति के नोबेल पुरस्कार के विजेता का नाम शुक्रवार को घोषित किया जाएगा। आगामी सोमवार, 14 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के विजेता का नाम घोषित किया जाएगा।
बता दें नोबेल पुरस्कार हर साल स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1901 में हुई थी. ये पुरस्कार चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाता है।
नोबेल पुरस्कार के हर विजेता को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। इसके साथ 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। पदक के एक ओर नोबेल पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की छवि, उनके जन्म तथा मृत्यु की तारीख लिखी होती है। पदक की दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस स्टॉकहोम तथा पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएफपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।