देश के अलग-अलग राज्यों में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) को लागू करने की सुगबुगाहट के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य पुलिस को बांग्लादेशियों और अन्य अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें कानूनी तरीकों से भारत से बाहर निकाला जा सके। यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
सभी जिला पुलिस प्रमुखों को लिखे एक पत्र में, ओपी सिंह ने लिखा कि इस कदम को, जिसे यूपी में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अनौपचारिक प्रारंभ के रूप में देखा जा रहा है, आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस कवायद में पहचाने गए अनधिकृत व्यक्तियों का निर्वासन "समयबद्ध और वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी" में किया जाएगा।
सतर्कता के साथ सत्यापन के इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो समयबद्घ तरीके से उसका सत्यापन कराया जाएगा।
यह कदम बीजेपी शासित एक अन्य राज्य असम में अंतिम एनआरसी सूची जारी होने के कुछ दिनों बाद आया है जहां लगभग 19 लाख लोगों को गैर-भारतीय घोषित किया गया है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू करेंगे। एनआरसी पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था, 'कोर्ट के आदेश को लागू करना एक साहसिक और महत्वपूर्ण निर्णय है। मैं मानता हूं कि हमलोगों को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इसके लिए बधाई देना चाहिए। यह चरणबद्ध तरीके से लागू हुआ और अगर जरूरत पड़ी तो हम उत्तर प्रदेश में भी ऐसा करेंगे।'
राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से प्रदेश के सभी एडीजी जोन, आईजी, डीआईजी और एसएसपी को इस आशय के साथ एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में सरकार की ओर से अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि अपने इलाकों में बसी ऐसी बस्तियों की पहचान करें, जहां बांग्लादेशी या अन्य नागरिक अवैध रूप से बस गए हैं।
इसके अलावा अवैध रूप से बसे सभी लोगों के दस्तावेजों और फिंगर प्रिंट्स की डिटेल भी ली जाए। सूत्रों के अनुसार, सरकार आने वाले वक्त में उन लोगों की पहचान करेगी जो प्रदेश के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या अन्य सरकारी जमीन पर बस्ती बनाकर अवैध रूप से रह रहे हैं।
इसके अलावा राज्य की योगी सरकार उन लोगों की भी पहचान करेगी जो अवैध तरीके से रहने वाले विदेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज दिलाकर पहचान पत्र बनवाने में मदद करते हैं। खासकर ऐसे बिचौलियों अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश जारी किए जा सकते हैं अवैध विदेशी नागरिकों को पहचान पत्र दिलाने में मदद करते हैं।
इस बारे में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने बताया है कि सरकार यहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी विदेशी नागरिकों के दस्तावेजों की जांच करने जा रही है। डीजीपी ने इस मसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सरकार ने जो कार्रवाई शुरू की है उसका यूपी में एनआरसी लागू होने से कोई संबंध नहीं है।
ओमप्रकाश ने बताया कि फिलहाल सिर्फ ऐसे बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों की पहचान की जा रही है जो यहां पर गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिस आने वाले वक्त में ऐसे लोगों के दस्तावेजों का सत्यापन करेगी और अगर किसी के दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।