पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसे एक ''बेहद चुनौतीपूर्ण पड़ोसी बताया और कहा कि भारत एक ऐसे पड़ोसी से बात नहीं कर सकता है जो नयी दिल्ली को बातचीत के मंच तक लाने का दबाव बनाने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल एक कानूनी हथियार के रूप में करता है और हकीकत से रूबरू कराने पर भी उससे मुकर जाने की नीति पर अमल करता है।
जयशंकर बुधवार को थिंक टैंक 'काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनसे कश्मीर के बारे में सवाल किया गया, उनसे नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों के बारे में भी पूछा गया। पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट को लेकर अहम टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि जनता की राय अहम होती है और उसे किनारे नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने कहा, 'किसी भी लोकतंत्र में जनभावना महत्व रखती है। एक संदेश मैं नहीं देना चाहता हूं कि आप रात में आतंकवाद करते हैं और दिन में सामान्य दिनचर्या चले। बदकिस्मती से यही संदेश होगा, यदि हम भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की इजाजत देते हैं।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत पर बातचीत के दबाव के लिए आतंकवाद को एक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है। बुधवार को एक थिंक टैंक के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कश्मीर और नई दिल्ली के इस्लामाबाद के संबंधों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ कश्मीर को अहम मुद्दा मानने से इनकार करते हुए कहा, 'आपने दो शब्दों का इस्तेमाल किया है, लेकिन मैं इन्हें अलग ढंग से कहना चाहूंगा। पहला कश्मीर है और दूसरा पाकिस्तान। मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों कहा है। मैं नहीं मानता कि पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर सबसे अहम मुद्दा है बल्कि तमाम मुद्दों में से यह भी एक है।'
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के लिए पाकिस्तान से बातचीत करना कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन ऐसे किसी देश से बात कैसे हो सकती है, जो आतंकवाद को पाल-पोस रहा हो।
उन्होंने कहा, 'निश्चित ही हर कोई अपने पड़ोसी से बात करना चाहता है। मुद्दा यह है कि हम एक ऐसे देश से बात कैसे कर सकते हैं, जो आतंकवाद फैलाता है और साफ-साफ कहा जाए तो हकीकत से रू-ब-रू कराने पर उससे इनकार करने की नीति अपनाता है।' उन्होंने कहा, ' वह यह (आतंकवाद) करते हैं, हालांकि दिखावा ऐसा करते हैं कि वह यह नहीं कर रहे। वे जानते हैं कि दिखावे में गंभीरता नहीं है लेकिन फिर भी वह ऐसा करते हैं। अब आप इसका क्या उपाय निकालेंगे, मुझे लगता है कि यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है।'
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान का इतिहास कोई सामान्य इतिहास नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि पड़ोसी होने के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार नहीं करेगा। वह विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है और उसे कानूनी तौर पर विशेष तरजीही राष्ट्र का दर्जा हमें देना चाहिए लेकिन वह ऐसा नहीं करेगा जबकि नई दिल्ली ने ऐसा किया है।
उन्होंने कहा, 'आपके पास ऐसा पड़ोसी है, जो आपको कनेक्टिविटी की अनुमति नहीं दे रहा। उदाहरण के लिए हममें इतनी क्षमता है कि हम अफगानिस्तान और ईरान जाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बावजूद वह हमें यह कनेक्टिविटी नहीं दे रहा।'
इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट बंद होने को लेकर एस. जयशंकर ने कहा, 'वास्तविक जीवन में मुद्दों को अलग करना बहुत ही मुश्किल है।'
उन्होंने उरी, पठानकोट और पुलवामा का हवाला देते हुए कहा, 'यदि किसी संबंध पर आतंकवाद, आत्मघाती हमले, हिंसा का विमर्श हावी हो और फिर आप कहें, 'अच्छा चलिए, अब साथ में चाय पीते हैं, चलो क्रिकेट खेलते हैं' तो लोगों को बताने के लिहाज से यह बहुत ही कठिन बात होगी।'
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।