पर्यटकों को विविध प्रकार की सेवाएं देने वाली ब्रिटेन की प्रसिद्ध कंपनी थॉमस कुक आपातकालीन धन जुटाने में असफल रहने के साथ सोमवार को दिवालिया हो गई। इससे कंपनी के 22 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं और इसके साथ ही दुनिया भर में निकले ब्रिटेन के उसके लाखों ग्राहक जहां-तहां फंस गए।
ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि 178 साल पुरानी इस कंपनी के 1,50,000 ब्रिटिश ग्राहक दुनिया भर में छुट्टियां बिताने गए हैं, उन्हें वापस लाना किसी शांतिकाल में इस तरह का अब तक का सबसे बड़ा अभियान होगा। यह प्रक्रिया सोमवार को शुरू हुई। अधिकारियों ने चेतावनी दी की इसमें और देरी नहीं की जा सकती है।
नागर विमानन अधिकारियों ने बताया कि थॉमस कुक ने कारोबार बंद कर दिया है, उसकी चार एयरलाइने उड़ान नहीं भर रही हैं, और 16 देशों में इसके 21,000 कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे, जिसमें 9,000 ब्रिटेन में हैं।
कंपनी ने कई महीने पहले कहा था कि ब्रेक्जिट में अनिश्चितता के चलते बुकिंग में कमी आ रही है और उसके ऊपर कर्ज का भार बढ़ रहा है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि दिवालिया होने से बचने के लिए उसे 20 करोड़ पाउंड (25 करोड़ डॉलर) की दरकार थी और उसके इस सप्ताहांत में शेयरधारकों और कर्जदाताओं के साथ इस असफलता को रोकने के लिए बात की। कंपनी ब्रिटेन में 600 ट्रेवल स्टोर भी चलाई।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फैंकहॉजर ने एक बयान में कहा उन्हें बंदी के लिए बेहद खेद है। उन्होंने कहा, "कई महीनों से भारी कोशिशों और उसके बाद सघन बातचीत के वाबजूद हम अपने कारोबार को बचाने के लिए कोई समझौता नहीं कर सके।"
विदेश में फंसे यात्रियों को वापस लाने के बारे में ब्रिटेन के परिवहन सचिव ग्रांट शेप्स ने कहा कि ग्राहकों को मुफ्त में वापस अपने देश लाने के लिए कई दर्जन चार्टर प्लेन किराए पर लिए गए हैं।
थॉमस कुक इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यहां कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है। दरअसल थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने खरीद लिया था. तब से थॉमस कुक यूके का थॉमस कुक इंडिया में कोई हिस्सा नही है।
थॉमस कुक के विमान खड़े हो गए हैं और उसकी सभी ट्रैवल एजेंसियां बंद हो गई हैं। इसकी वजह से दुनिया भर में 22 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं। कंपनी को लगातार पिछले कई साल से घाटा हो रहा था।
कंपनी की स्थापना 1841 में थॉमस कुक द्वारा की गई थी। पहले यह ब्रिटेन में घरेलू यात्रियों को सेवा देती थी, बाद में विदेशी यात्राएं कराने लगी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।