प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले एक साल में मिले उपहारों की ऑनलाइन नीलामी शुरू हो गई है। पीएम ने ट्वीट कर बताया है कि ई-नीलामी से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल 'नमामि गंगे' परियोजना में किया जाएगा। PM को मिले स्मृति चिन्ह राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, जयपुर हाउस दिल्ली में 14 सितंबर से 3 अक्टूबर 2019 तक सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक देखे जा सकते हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की प्रदर्शनी एवं ई-नीलामी का शनिवार को उद्घाटन किया। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में शॉल, पगड़ियां और जैकेटों समेत 2,700 से अधिक स्मृति चिह्नों की शनिवार से लेकर तीन अक्टूबर तक www.pmmementos.gov.in पर नीलामी की जा रही है। पटेल ने बताया कि स्मृति चिह्नों के लिए सबसे कम कीमत 200 रुपये और अधिकतम 2.5 लाख रुपये तय की गई है।
पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) में सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक लोगों के लिए 'स्मृति चिह्न' नाम से करीब 500 स्मृति चिह्नों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
पटेल ने बताया, 'जो स्मृति चिह्न प्रदर्शित हैं उन्हें हर सप्ताह बदला जाएगा। उपहारों में पेंटिंग्स, स्मृति चिह्ल, मूर्तियां, शॉल, पगड़ी, जैकेट और पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र शामिल हैं।'
मोदी ने खुद इस प्रयास की सराहना की है और लोगों से इसमें भाग लेने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने ई-नीलामी वेबसाइट के लिंक को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'जो भी हो रहा है, मेरा हमेशा उसमें यकीन रहा है। पिछले एक साल में मुझे जितने भी उपहार और स्मृति चिह्न मिले हैं उनकी नीलामी आज से शुरू होकर तीन अक्टूबर तक होगी।'
Continuing a practice I have always believed in!
— Narendra Modi (@narendramodi) 14 September 2019
All those gifts and mementos I have received in the last one year would be getting auctioned starting today till 3rd October. These mementoes would be on display at the NGMA near India Gate in Delhi.
Do visit to have a look! pic.twitter.com/vYRNvmjPQ1
इन स्मृति चिह्नों की दिल्ली में इंडिया गेट के समीप एनजीएमए में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। पटेल ने कहा कि मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने देश की जीवनरेखा को संरक्षित करने के नेक काम के लिए उन्हें मिले सभी उपहारों की नीलामी करने का फैसला किया है। स्मृति चिह्नों में 576 शॉल, 964 अंगवस्त्र, 88 पगड़ियां और विभिन्न जैकेटें शामिल हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।