प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देशभर से मिले 2700 से अधिक उपहारों की 14 सितम्बर से नीलामी की जाएगी। इससे मिलने वाली धनराशि का इस्तेमाल गंगा के संरक्षण और नदी को नवजीवन देने के लिए किया जाएगा। संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
विभिन्न संगठनों और मुख्यमंत्रियों की ओर से प्रधानमंत्री को दिए गए कुल 2,772 उपहारों में पगड़ी, शॉल, चित्र, तलवारें आदि शामिल हैं। इन्हें फिलहाल आधुनिक कला संग्रहालय में देखा जा सकता है। इन उपहारों की नीलामी एक ऑनलाइन पोर्टल पर की जाएगी जिसे नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर ने डिजाइन किया है।
पटेल ने कहा, ''प्रधानमंत्री को बीते छह महीने में मिले उपहारों की नीलामी की जाएगी। इस बार यह नीलामी पूरी तरह से ऑनलाइन होगी (इससे पहले जनवरी माह में भी एक नीलामी हुई थी)। यह अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। इन वस्तुओं के लिये न्यूनतम रिजर्व मूल्य 200 रूपये और अधिकतम ढाई लाख रुपये है।''
मोदी की सिल्क पर बनी तस्वीर का न्यूनतम मूल्य 2.5 लाख रुपए रखा गया है। इसे सीमात्ति टेक्सटाइल्स की मालिक एवं फैशन डिजाइनर बीना कन्नन ने उन्हें भेंट किया था। इसे सबसे महंगा बताया जा रहा है। वस्तुओं के बेस या रिजर्व मूल्य को विशेषज्ञों ने तय किया है।
इन स्मृतिचिह्नों में 576 शॉल, 964 अंगवस्त्रम, 88 पगड़ियां और भारत की विविधता को दिखाते कई जैकेट शामिल हैं। इनमें गायों की प्रतिकृतियां भी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि नीलामी के लिए जिन वस्तुओं को एनजीएमए में प्रदर्शित किया जा रहा है, उन्हें हर 15 दिनों में बदल दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री को मिले करीब 1800 उपहारों की नीलामी जनवरी में की गई थी, जो करीब 15 दिन चली थी और करीब 4,000 नीलामीकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया था। नीलामी से एकत्रित हुई राशि को केन्द्र सरकार की गंगा सफाई की योजना 'नमामि गंगे' के लिए दी गयी थी। इस बार होने वाली नीलामी से एकत्र धन को भी इसी परियोजना में भेजा जायेगा।
अधिकारियों ने बताया कि कारीगरों द्वारा बनायी गयी बीएमडब्ल्यू की लकड़ी की बनी प्रतिकृति ई-नीलामी में सबसे महंगा स्मृतिचिह्न थी, जिसकी कीमत करीब पांच लाख रुपये थी। हालांकि, जनवरी में हुई नीलामी में प्राप्त धनराशि का उन्होंने खुलासा नहीं किया।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।