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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के प्रमुख एजेंडे में है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि हमारा अगला अजेंडा पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है।

ऊधमपुर-कठुआ लोकसभा सीट से चुनकर आने वाले जितेंद्र सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर कहा, 'यह केवल मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह 1994 में पी. वी. नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है। यह एक स्वीकार्य रुख है।' बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बाद अब सरकार ने अपनी नीति बदल ली और पाकिस्तान को बैकफुट पर डालने के लिए पीओके के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने पर पाकिस्तान की ओर से शुरू किए गए दुष्प्रचार अभियान पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि विश्व का रुख भारत के अनुकूल है। उन्होंने कहा, 'कुछ देश जो भारत के रुख से सहमत नहीं थे, अब वे हमारे रुख से सहमत हैं।' सिंह ने कहा कि कश्मीर में आम आदमी मिलने वाले लाभों को लेकर खुश है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर न तो बंद है और ना ही कर्फ्यू के साए में है, बल्कि वहां सिर्फ कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं। सिंह ने देश विरोधी ताकतों को चेतावनी दी कि उन्हें जल्द उस मानसिकता को बदलना होगा कि वे कुछ भी करने के बाद बच निकलेंगे।

सिंह ने पत्रकारों से कहा, 'हमें ऐसे बयानों (कश्मीर कर्फ्यू के साए में है और पूरी तरह से बंद है) की निंदा करने की जरूरत है। कश्मीर बंद नहीं है। वहां कर्फ्यू नहीं है। अगर कर्फ्यू होता तो लोगों को 'कर्फ्यू पास' के साथ बाहर निकलना होता।'

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उन्होंने कहा कि कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। इंटरनेट सेवा बंद रखने के बारे में उन्होंने कहा, 'हम इसे जल्द से जल्द बहाल करना चाहते हैं। एक कोशिश की गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाले जाने लगा और फैसले की दोबारा समीक्षा करनी पड़ी।'

सिंह ने कहा कि सरकार इन पाबंदियों को खत्म करने और इंटरनेट पर रोक हटाने को इच्छुक है।

आतंकियों द्वारा आम लोगों की हत्या के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'यह मानसिकता है कि आप कुछ भी करके बच निकलेंगे। अब आप बच कर निकल नहीं पाएंगे, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए आपको कीमत चुकानी होगी।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।