-
Reuters

चीन का अलीबाबा समूह यूसीवेब के जरिए देश के ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने की योजना पर काम रहा है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह कारोबार चालू वित्त वर्ष में ही शुरू किया जा सकता है।

यूसीवेब के उपाध्यक्ष (वैश्विक कारोबार) हुआइयुआन यांग ने कहा कि कंपनी के ई-वाणिज्य क्षेत्र में उतरने से पेटीएम पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। पेटीएम में अलीबाबा समूह की 30.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अलीबाबा समूह की स्नैपडील में भी 3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

गौरतलब है कि भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में पहले से ही दो अमेरिकी दिग्गज कंपनियों ऐमजॉन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट के बीच कड़ी टक्कर है। इसके अलावा रिलायंस समूह भी इनसे मुकाबले को तैयार है। वहीं, चीन में अलीबाबा ससबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है।

देश में ई-कॉमर्स क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है। डेलॉइट इंडिया और रिटेल असोसिएशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 तक इसका आकार 84 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जो वर्ष 2017 में यह 24 अरब डॉलर रहा था।

समूह की परमार्थ इकाई 'अलीबाबा फाउंडेशन' दूसरे 'फिलैन्थ्रैपी फोरम' के दौरान यांग ने कहा, 'हम में अलीबाबा के ई-कॉमर्स जीन के गुण मौजूद हैं। हम ई-कॉमर्स से जुड़े नए कारोबार मॉडल को शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इस साल एक नया ई-कॉमर्स उत्पाद देश में शुरू करने जा रहे हैं।'

यूसीवेब का यूसी ब्राउजर भारत में 2009 से काम कर रहा है। चीन को छोड़कर इसके दुनियाभर में 1.1 अरब यूजर्स हैं जिनमें से आधे करीब भारत में हैं। कंपनी का दावा है कि देश में उसके सक्रिय मासिक यूजर्स की संख्या 13 करोड़ है। यूसीवेब के ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने से पेटीएम के कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में यांग ने कहा कि ई-कॉमर्स काफी बड़ा क्षेत्र है।

ई-कॉमर्स के विभिन्न क्षेत्र और उत्पाद हैं। यूसी अपने कारोबार के हिसाब से श्रेणी का चयन करेगा। कंपनी की ऑनलाइन फिल्म टिकट बिक्री क्षेत्र में भी उतरने की योजना है। कंपनी के परमार्थ कार्यक्रम के बारे में यासंग ने कहा कि अलीबाबा विश्व की पहली इंटरनेट कंपनी है जिसने परोपकार को अपनी मुख्य रणनीति में समाहित किया है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।