प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी रूस यात्रा को याद किया, जब वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने आये तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। मोदी ने चार तस्वीरें ट्वीट कीं जिनमें दो 2001 की उनकी यात्रा की हैं और दो उनकी ताजा यात्रा से।
प्रधानमंत्री ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता पूरी करने के बाद तस्वीरें साझा कीं। बृहस्पतिवार को वह मुख्य अतिथि के रूप में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में शामिल होंगे।
मोदी ने तस्वीरों के साथ किये ट्वीट में लिखा, ''आज 20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए मेरा मन नवंबर 2001 में आयोजित भारत-रूस शिखर सम्मेलन में चला गया जब अटल जी प्रधानमंत्री थे। उस समय मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।''
Memories and moments, from 2001 and 2019!
— Narendra Modi (@narendramodi) 4 September 2019
While participating in the 20th India-Russia Summit today, my mind also went back to the India-Russia Summit of November 2001 when Atal Ji was PM. That time, I was honoured to be a part of his delegation as Gujarat CM. pic.twitter.com/G9vHMkagfR
2001 की एक तस्वीर में मोदी को वाजपेयी के पास बैठकर एक दस्तावेज पर दस्तखत करते हुए देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में वह तत्कालीन रक्षा मंत्री जसवंत सिंह के साथ खड़े हैं।
इससे पहले मोदी ने कहा, ''मुझे राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात का पहला अवसर 2001 में मिला था। मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को आया था। मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था और यह हमारी पहली मुलाकात थी।''
उन्होंने रूस की सरकारी तास समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, ''हालांकि पुतिन ने मुझे ऐसा महसूस नहीं कराया कि मेरा कम महत्व है या मैं एक छोटे से राज्य से हूं या नया हूं। उन्होंने मेरे साथ दोस्त की तरह व्यवहार किया। इससे दोस्ती के दरवाजे खुले।''
मोदी ने कहा, ''हमने न केवल अपने राज्यों से जुड़े विषयों पर बात की, बल्कि कई मुद्दों पर, हमारी रुचियों पर तथा वैश्विक मुद्दों पर बात की। हमने खुलकर साझेदारों की तरह बात की। वह बात करने के लिहाज से बड़े दिलचस्प व्यक्ति हैं और मैं मानता हूं कि हमारी बहुत ज्ञानवर्धक बातचीत हुई।''
मोदी बुधवार को रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा, ''यह मंच केवल विचारों के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है। हम छह महीने से इस फोरम के लिए तैयारी कर रहे हैं।''
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।