अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद घाटी में इंटरनेट बंद होने के बावजूद पाकिस्तान से कश्मीर के फर्जी विडियो जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि अलगाववादियों के साथ ही स्थानीय आतंकवादियों के साथ उनका संचार चैनल विभिन्न ऑफलाइन ऐप और चैट प्लैटफार्म टॉर के माध्यम से खुला है, जो जम्मू और कश्मीर से सुरक्षा एजेंसिंयों और अधिकारियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। टॉर दुनिया भर के आंतकवादियों के नेटवर्क और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों में लोकप्रिय है।
'टॉर' लोगों के लोकेशन की जानकारी लेने या उनकी ब्राउजिंग आदतों की जासूसी करने से रोकता है। यह विंडोज, मैक, लिनक्स और ऐंड्रॉयड के लिए उपलब्ध है। टॉर का प्रयोग प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा करने में किया जाता है, क्योंकि इसमें सरकार के साइबर सेल से पकड़े जाने का खतरा नहीं होता है।यह वेबसाइटों का विजिट करने पर थर्ड पार्टी ट्रैकर्स और ऐड को यूजर्स तक पहुंचने नहीं देता है।
भारत सरकार ने घाटी में टेलीफोन और इंटरनेट नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर रखा है, लेकिन लोगों के पास इस बंदी में संचार करने के कई तरीके हैं।
चिंताजनक बात यह है कि 'ऑफ-द-ग्रिड' ऐप से लोग एक-दूसरे से बिना मोबाइल नेटवर्क के वाई-फाई या ब्लूटूथ के माध्यम से 100-200 मीटर की रेंज में संपर्क कर सकते हैं। यह आईओएस और ऐंड्रॉयड के लिए उपलब्ध वॉकीटॉकी ऐप जैसा ही है। यह फेसबुक या वॉट्सऐप की तरह है, लेकिन इसमें केंद्रीय सर्वर नहीं है और मेश नेटवर्क चैट की तरह काम करता है।
डब्ल्यूडब्लयूडब्ल्यू गीकोऐंडफ्लाई डॉट कॉम की रिपोर्ट में कहा गया, 'मेश नेटवर्क तभी काम करता है, जब दो या अधिक स्मार्टफोन्स एक दूसरे की रेंज में होते हैं। यह दूरी या कवरेज स्मार्टफोन के सिग्नल की मजबूती पर निर्भर करता है। यह एक से दूसरे मॉडल में अलग-अलग हो सकता है, जो कि सामान्यत: दो स्मार्टफोन्स के बीच 100 फीट होती है।'
फायरचैट एक और नवीनतम ऐप है, जो यूजर्स को बिना इंटरनेट या मोबाइल कवरेज के आपस में संचार करने में सक्षम बनाता है। यह लोगों को एक दूसरे से जोड़कर दुनिया के किसी भी हिस्से में संचार करने में सक्षम बनाती है। यह ऐप ब्लूटूथ के माध्यम से नजदीकी फोन्स को जोड़ता है, जिन्होंने ऐप इंस्टाल कर रखा है। इससे लोग आसानी से निजी फोन कॉल कर सकते हैं, टेक्स्ट मेसेज भेज सकते हैं और फाइलों को भी साझा कर सकते हैं।
सिगनल ऑफलाइन मैसेंजर ऐसा ही एक वाईफाई डायरेक्ट आधारित ऐप है, जिससे लोग इंटरनेट या नेटवर्क के बिना 100 मीटर की दूरी तक संपर्क कर सकते हैं।
वोजर ऐप एक फोन से सीधे दूसरे फोन में एनक्रिप्टेड मेसेज डिलिवर करता है। इस ऐप की मदद से लोग पहाड़ों या उन स्थानों में कनेक्ट हो सकते हैं, जहां किसी तरह का मोबाइल कवरेज नहीं है। 'सिफॉन' एक ऐसा ही ऐप है, जो लोगों को कॉन्टेंट फिल्टरिंग प्रणाली से बचाता है। यह एक ओपन सोर्स वेब प्रॉक्सी है। ऐसे ऐप्स और निजी गेटवेज का दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
एनक्रिप्टेड मेसेंजिंग एप टेलीग्राम भारत में काफी लोकप्रिय है। इस एप का नया अपडेट जल्द जारी हो रहा है, जो हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनकारियों को अपना फोन नंबर छुपाने में सक्षम बनाएगा। इससे वे बिना किसी खतरे से आपस में संपर्क करने में सक्षम होंगे। इसके कारण घाटी में सुरक्षा अधिकारियों को आतंकवादियों और अलगाववादियों के नेटवर्क को तोड़ने में परेशानी हो रही है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।