टीम इंडिया ने उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के जोरदार शतक के बाद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कातिलाना गेंदबाजी के दम पर पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज पर जीत दर्ज की। एंटिगा के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन टीम इंडिया ने विंडीज को 318 रनों से हारकर दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। विदेशी धरती पर रन से लिहाज से ये टीम इंडिया की सबसे बड़ी जीत रही। विदेशी धरती पर रनों के मामले में भारत की यह सबसे बड़ी जीत है।
दुनिया के दिग्गज गेंदबाज बुमराह ने 8 ओवर में 4 मेडन डाले और महज 7 रन देकर 5 विकेट झटक डाले। इसके साथ ही भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी शुरुआत जीत के साथ की है। अजिंक्य रहाणे को उनकी शतकीय पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। दोनों टीम के बीच अब दूसरा टेस्ट मैच जमैका में 30 अगस्त से शुरू होगा।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की पहली पारी के 297 रन के जवाब में वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 222 रन पर ऑल आउट हो गई थी। वहीं, दूसरी पारी में भारत ने 347/7 पर पारी घोषित की और वेस्टइंडीज को जीत के लिए 419 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में विंडीज की पूरी टीम 26.5 ओवर में 100 रन पर सिमट गई और यह मैच गंवा बैठी।
भारत ने वेस्ट इंडीज के सामने जीत के लिए 419 रनों का लक्ष्य रखा था। भारत की ओर से जसप्रीत बुमराह ने 7 रन देकर 5 विकेट लिए। विंडीज ने अपने 9 विकेट सिर्फ 50 रनों पर खो दिए थे। आखिरी विकेट के लिए केमार रोच और मैगुअल कमिंस की साझेदारी ने उसे 100 के स्कोर तक पहुंचाया। रोच आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे उन्हें 38 के निजी स्कोर पर इशांत शर्मा ने आउट किया। कमिंस 19 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत की ओवरऑल यह चौथी सबसे बड़ी जीत है। लेकिन, विदेशी धरती पर यह सबसे बड़ी जीत है। भारत ने 2015-16 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 337 रनों की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इससे पहले भारत ने श्रीलंका पर 304 रनों की जीत दर्ज की थी।
इससे पहले भारत ने अपनी दूसरी पारी सात विकेट पर 343 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी। भारतीय पारी का आकर्षण अंजिक्य रहाणे (102) और हनुमा विहारी (93) के बीच पांचवें विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी रही। रहाणे ने पिछले दो साल में पहला और कुल 10वां शतक बनाया लेकिन विहारी अपने पहले शतक से चूक गए। विहारी के आउट होते ही कोहली ने पारी समाप्त घोषित कर दी।
विराट कोहली ने विदेशी धरती पर 12वीं टेस्ट जीत हासिल की। उन्होंने विदेशी जमीन पर सौरभ गांगुली के सबसे सफल भारतीय कप्तान होने के रेकॉर्ड को तोड़ दिया। गांगुली ने 28 टेस्ट मैचों में 11 जीत हासिल की थी, जबकि कोहली ने 26 में ही उन्हें पीछे छोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के सबसे सफल भारतीय कप्तान होने के रेकॉर्ड की भी बराबरी कर ली। धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में 27 जीत हासिल की थी। कोहली ने 47वें टेस्ट में ही उनकी बराबरी कर ली।
भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अपने इस पहले मैच की पहली पारी में 297 रन बनाकर वेस्ट इंडीज को 222 रन पर आउट कर दिया था। इसके बाद बुमराह ( पांच), इशांत ने तीन और मोहम्मद शमी दो विकेट का कमाल देखने को मिला। बुमराह ने विकेट लेने की शुरुआत की और फिर इशांत ने उसमें उनका बराबर का साथ दिया।
बुमराह ने अपने पहले ओवर में ही क्रेग ब्रेथवेट को विकेट के पीछे कैच कराया और फिर अपने अगले ओवर में दूसरे सलामी बल्लेबाज जॉन कैंपबेल (सात) का विकेट थर्राया। इशांत ने अगले ओवर की पहली गेंद पर समर्थ ब्रूक्स (दो) को पगबाधा आउट किया। बुमराह की गेंद पर कोहली ने शिमरोन हेटमेयर (एक) का कैच छोड़ा लेकिन इशांत ने यह गलती भारत पर भारी नहीं पड़ने दी। हेटमेयर ने ड्राइव करने के प्रयास में गली में रहाणे को कैच दिया।
बुमराह ने अपने चौथे ओवर में तुरंत डेरेन ब्रावो (दो) का विकेट हवा में लहराया। उन्होंने चाय के विश्राम के बाद शाई होप (02) का आफ स्टंप उखाड़कर वेस्ट इंडीज को आगे भी राहत नहीं लेने दी। नए बल्लेबाज कप्तान जैसन होल्डर भी तुरंत पविलियन लौट जाते लेकिन इशांत की गेंद पर विहारी उनका कैच नहीं ले पाए।
बुमराह को खेलना बेहद मुश्किल था और उन्होंने होल्डर (आठ) को जीवनदान का फायदा नहीं उठाने दिया और जल्द ही उनका भी ऑफ स्टंप हवा में लहरा दिया। इस तरह से वह चौथी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लेने में सफल रहे।
इससे पहले भारत ने सुबह शुरू में ही विराट कोहली का विकेट गंवा दिया था लेकिन इसके बाद रहाणे और विहारी ने शानदार बल्लेबाजी की। रहाणे ने अपनी शतकीय पारी में 242 गेंदें खेलीं तथा पांच चौके लगाए। उन्होंने गैब्रियल की गेंद पर कवर पर जैसन होल्डर को कैच दिया।
कोहली ने तब पारी समाप्त घोषित नहीं की, क्योंकि विहारी 80 रन पर खेल रहे थे। रहाणे की जगह लेने के लिए उतरे ऋषभ पंत (सात) फिर से नाकाम रहे और स्लॉग स्वीप करके डीप स्क्वायर लेग पर कैच दे बैठे। होल्डर के अगले ओवर में विहारी 'नर्वस नाइंटीज' के शिकार बन गए। गेंद उनके बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर शाई होप के दस्तानों में पहुंची। विहारी निराश थे लेकिन उन्होंने एक बेहतरीन पारी खेली। यह उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर है जिसके लिए उन्होंने 128 गेंदें खेली तथा दस चौके और एक छक्का लगाया। रविंद्र जडेजा एक रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत ने पहले सत्र में केवल कोहली का विकेट गंवाया और इस बीच 102 रन जोड़े। वेस्ट इंडीज की तरफ से ऑफ स्पिनर रोस्टन चेज ने 132 रन देकर चार विकेट लिए।
भारत ने चौथे दिन तीन विकेट पर 185 रन से आगे खेलना शुरू किया। अभी इस स्कोर दो रन जुड़े थे कि दिन के दूसरे ओवर में कोहली पविलियन लौट गए। होल्डर ने दूसरे छोर से गेंद चेज को सौंपी जिनकी गेंद कोहली के बल्ले का किनारा लेकर शॉर्ट कवर पर जॉन कैंपबेल के पास गई। उन्होंने दूसरे प्रयास में इसे कैच कर दिया। कोहली अपने कल के स्कोर 51 रन में कोई इजाफा नहीं कर पाए। इस तरह से रहाणे और कोहली के बीच चौथे विकेट के लिए 106 रन की साझेदारी का भी अंत हुआ।
भारत हालांकि तब तक अच्छी स्थिति में पहुंच चुका था और विहारी ने भी रहाणे को कोहली की कमी नहीं खलने दी। इन दोनों ने सहजता से रन बटोरे और कैरेबियाई गेंदबाजों को हावी नहीं होने दिया। रहाणे ने अपनी लय बरकरार रखी लेकिन वह विहारी थे जिन्होंने रन प्रवाह तेज किया। विहारी ने होल्डर की गेंद को लॉन्ग ऑफ पर चार रन के लिए भेजकर अपना दूसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। इसमें पांच चौके शामिल थे।