भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने रविवार को इतिहास रचते हुए बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के महिला एकल के फाइनल में जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को एकतरफा हराते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। 24 वर्षीय सिंधु वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
37 मिनट तक चले खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड नंबर 5 सिंधु ने 21-7 और 21-7 से जीत दर्ज की। इसके साथ ही उन्होंने इस टूर्नमेंट में 2017 में ओकुहारा से मिली हार का बदला भी ले लिया। सिंधु ने इसी के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप का अपना पांचवां मेडल भी जीता। सिंधु लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल खेल रही थीं। उन्हें पिछले दोनों बार के फाइनल में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस बाद सिंधु ने 2017 की वर्ल्ड चैंपियन नोकोमी ओकुहारा पर शुरू से ही दबाव बनाए रखा और एकतरफा मुकाबले में रौंद दिया।
सिंधु ने इससे पहले 2013 और 2014 में कांस्य पदक और 2017 और 2018 में रजत पदक जीता था। लेकिन वो पिछले दो बार से स्वर्ण पदक से चूक जा रही थीं।
जीत के बाद सिंधु ने कहा, 'आज मेरी मां का जन्मदिन है और इस मौके पर अपनी यह जीत मैं उन्हें समर्पित करती हूं।' इसके बाद दर्शकों ने हैपी बर्थडे सॉन्ग गाकर सिंधु को बधाई दी।
भारत की इस स्टार शटलर ने कहा कि वह लगातार दो बार यहां फाइनल हारी थीं और इस बार वह हर हाल में पदक का रंग बदलने के लिए प्रतिबद्ध थीं। सिंधु ने कहा, 'यह जीत मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।' सिंधु ने कहा यह जीत मेरे लिए और मेरे देश के लिए बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा, 'मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है।'
पूरे टूर्नमेंट में सिंधु को काफी समर्थन मिला। उन्होंने कहा, 'मैं दर्शकों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने हर मैच में मेरा पूरा समर्थन किया।'
भारत की नंबर वन शटलर ने इस मौके पर अपने कोच गोपीचंद और सपॉर्ट स्टाफ का भी धन्यवाद दिया।
16 मिनट तक चले पहले गेम में इंडियन शटलर ने जबरदस्त शुरुआत की और लगातार 7 पॉइंट्स लेते हुए जापानी खिलाड़ी पर 8-1 की बढ़त बना ली। इस दौरान वर्ल्ड नंबर-4 नाजोमी नेट पर बुरी तरह विफल रहीं, जिसका फायदा सिंधु को मिला। सिंधु ने यहां दबाव बनाए रखा और जोरदार स्मैश लगाया, जिसका विपक्षी खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। पहले गेम में ब्रेक के समय उनकी बढ़त 11-2 हो गई।
ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो जापानी शटलर ने टक्कर देने की कोशिश, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। लंबी-लंबी रैलियों के बीच सिंधु ने लगातार 5 पॉइंट लेकर बढ़त 16-2 कर ली। यहां नोजोमी को 2 पॉइंट जरूर मिले, लेकिन उसमें सिंधु के आउट शॉट की भूमिका रही। इसके बाद भारतीय शटलर ने कोई मौका नहीं दिया और पहला गेम 21-7 से अपने नाम करते हुए 1-0 की बढ़त ले ली।
पीवी सिंधु के खेल का दूसरे दौर में भी ओकुहारा के पास जवाब नहीं था। 21 मिनट तक चले इस गेम में शुरुआत तो रोचक रही, लेकिन जल्द ही सिंधु ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। देखते ही देखते उनकी बढ़त 11-4 हो गई। ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो सिंधु ने लगातार 5 पॉइंट लेकर बढ़त 16-4 कर ली। यहां ओकुहारा ने 3 पॉइंट लिए, लेकिन सिंधु ने यह गेम 21-7 से जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही उन्होंने ओकुहारा के खिलाफ जीत हार का अंतर 8-8 से बराकर कर लिया है।
सिंधु ने अपने अभियान के दौरान सेमीफाइनल में उन्होंने चीन की चे यू फेइ को 21-7, 21-14 से हराया। वह लगातार तीसरे साल इस टूर्नमेंट के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहीं। इसके साथ ही सिंधु ने इस खिलाड़ी के खिलाफ अपने रेकॉर्ड को 6-3 कर लिया।
सिंधु ने क्वॉर्टर फाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग को हराकर इस टूर्नमेंट में अपना 5वां पदक पक्का किया था। सिंधु ने इस टूर्नमेंट के पिछले दो संस्करणों में सिल्वर मेडल जीते हैं। इससे पहले उन्होंने इस प्रतिष्ठित टूर्नमेंट में दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। उन्होंने वर्ल्ड नंबर दो जू यिंग को 12-21, 23-21, 21-19 से हराया था। यह मुकाबला कुल 71 मिनट तक चला था।
इससे पहले भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने तीसरे दौर के मुकाबले में अमेरिका की बेईवन झांग को हराया। दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने गुरुवार को 9वीं सीड झांग को 21-14, 21-6 से हराया। सिंधु ने 34 मिनट में यह मैच समाप्त किया। इस जीत के साथ सिंधु ने वर्ल्ड नंबर-10 झांग के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 5-3 का कर लिया है।
दूसरे दौर पिछले महीने इंडोनेशिया ओपन के फाइनल में जगह बनाने वाली सिंधु ने शानदार रैलियां की और दूसरे दौर में चीनी ताइपे की पाइ यू पो को 43 मिनट में 21-14, 21-14 से हराया। यहां बता दें कि पहले दौर में सिंधुी को बाई मिली थी।