भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार, 18 जुलाई को घोषणा की कि भारत के बहुप्रतीक्षित लूनर मिशन चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को भारतीय समयानुसार 2:43 बजे लॉन्च किया जाएगा।
पहले इसे 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण लॉन्च टाल दिया गया। यान के प्रक्षेपण से केवल 56 मिनट पहले इसे रोकना पड़ा। यदि सबकुछ ठीक रहता तो यान अपने निर्धारित समय 2.51 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाता। इसरो ने आधिकारिक तौर पर जीएसएलवी-एमके-3 में आई तकनीकी खामी की पुष्टि की थी।
इसरो की ओर से आधिकारिक सूचना दी गई है कि 22 जुलाई को दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाएगा। गौरतलब है कि पहले लॉन्च 15 जुलाई को होना था लेकिन जीएसएलवी एमकेlll में क्रायॉजनिक स्टेज पर ऐन मौके पर लीक होने से इसे टालना पड़ा। बता दें कि हर लॉन्च में एक समय सीमा होती है जिसके अंदर वे नतीजे मिलने की संभावना होती है, जिनके लिए लॉन्च किया जा रहा है। 15 जुलाई को यह समय सबसे ज्यादा 10 मिनट का था लेकिन इसरो के पास बाकी महीने में हर दिन एक मिनट का समय है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक 31 जुलाई तक न लॉन्च कर पाने की स्थिति में चंद्रयान के लिए ज्यादा ईंधन की जरूरत होगी। इसके अलावा फिलहाल चंद्रयान का लक्ष्य एक साल तक चांद का चक्कर लगाने का है लेकिन सही समय पर लॉन्च न होने से यह वक्त 6 महीने तक भी घट सकता है। संभावित लॉन्च को देखते हुए 18 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक दोपहर 2 बजे से लेकर 3:30 बजे तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
978 करोड़ रुपये के चंद्रयान मिशन में जीएसएलवी-एमके 3 लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें थ्री-स्टेज क्रायोजेनिक तकनीक से लैस सीई-20 इंजन लगा हुआ है। क्रायोजेनिक स्टेज में ईंधन के तौर पर लिक्विड हाइड्रोजन और ऑक्सीडाइजर के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन का उपयोग करता है