सांसदों को अब निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और कार्यालय भत्ता के मद में मिलने वाली 27 हजार रूपये प्रति माह की राशि नहीं मिलेगी। सरकारी आदेश में यह बात सामने आई है। सांसदों के वेतन में पहले ही 30 प्रतिशत की कटौती की गई है जिससे उन्हें मिलने वाला वेतन एक लाख रूपये से घटकर अब 70 हजार रूपये हो गया है।
नया आदेश सांसदों के वेतन में कटौती के अतिरिक्त लागू होगा। आदेश में कहा गया है कि संसद की संयुक्त समिति ने सरकार के साथ विचार विमर्श करके प्रत्येक सांसद को मिलने वाले निर्वाचन क्षेत्र भत्ते मे 30 प्रतिशत कटौती करने की सिफारिश की है।
सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि सांसदों के वेतन, भत्ता एवं पेंशन अधिनियम 1954 (30 का 1954) की धारा 8 के तहत एक सदस्य निर्वाचन भत्ते का हकदार है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक सांसदों को मिलने वाले 60 हजार रूपये के कार्यालय भत्ते में अब उन्हें प्रत्येक माह स्टेशनरी के मद में मिलने वाले 20 हजार रूपये को कम करके 14 हजार रूपये कर दिया गया है।
सांसदों को हालांकि निजी सहायक के लिये प्रति माह मिलने वाले 40 हजार रूपये में कोई कटौती नहीं की गई है। आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और अब यह कटौती एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
गौरतलब है कि सरकार ने सोमवार को प्रधानमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया था और यह कटौती एक साल तक लिये है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.