लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारतीय बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को उनके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की इजाजत दे दी है। बता दें कि माल्या ने कोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए आवेदन किया था, जिसे सुनने के लिए कोर्ट तैयार हो गया था। कोर्ट में इस केस की सुनवाई के लिए 4 घंटे का समय तय किया था।
अगर लंदन उच्च न्यायालय द्वारा उसे अपील करने की अनुमति नहीं दी गई होती तो उसे अगले कुछ दिनों में भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता था, लेकिन अब माल्या को बड़ी राहत मिल गई है। सुनवाई से पहले ही माल्या इस सुनवाई को लेकर सकारात्मक थे।
माल्या ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ लिखित आवेदन 14 फरवरी को दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने 5 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसके बाद कोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए माल्या ने फिर से आवेदन किया था, जिस पर कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। कोर्ट ने 4 घंटे का स्लॉट माल्या की केस की सुनवाई के लिए तय किया था। जस्टिस लिगेट और और जस्टिस पॉपलिवेल की बेंच माल्या की याचिका पर सुनवाई की।
माल्या ने ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद द्वारा उनके प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मांगी थी।
सुनवाई से पहले कोर्ट पहुंचे माल्या ने मीडिया से भी बात की। इस दौरान विजय माल्या ने कहा कि वह इस सुनवाई को लेकर काफी पॉजिटिव हैं। माल्या ने कोर्ट के बाहर कहा, 'हमारे सामने कानूनी तौर पर आगे बढ़ने का विकल्प है। इसके बारे में आपको और जानकारी मिलेगी। मेरे पास एक अनुभवी कानून सलाहकारों की टीम है, जो मेरे हितों की रक्षा करेगी।' इस दौरासन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अब भारत वापसी के लिए तैयार हैं तो उन्होंने कहा, 'यदि ऐसा ही होना है तो ऐसा होगा। मैं किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हूं। अब सिर्फ यह देखना है कि यह कैसे होगा।'
जब माल्या से पूछा गया कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'इसमें महसूस करने जैसा कुछ नहीं है। यह कोर्ट है, कोई क्रिकेट मैच नहीं, जिसमें कोई पुर्वानुमान लगा सके कि कौन जीतने वाला है।'
बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या पहले ही दस्तावेज के जरिए अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में हार चुके हैं।