इंग्लैंड में चल रहे आईसीसी विश्व कप-2019 के 34वें मुकाबले में टीम इंडिया ने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर वेस्ट इंडीज को 125 रनों से हरा कर जीत की अपनी लय बरक़रार रखी। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच विराट होहली (72) और धोनी (56) के अर्धशतकों की बदौलत 7 विकेट पर 268 रन बनाए थे। जवाब में बैटिंग करने उतरी विंडीज की टीम मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल की घातक गेंदबाजी के आगे टिक नहीं सकी और 34.2 ओवर में ही 143 रन पर ऑलआउट हो गई।
इस विश्व कप में यह भारत की 6 मैचों में 5वीं जीत (एक मैच बारिश से रद्द) है। खास बात यह है कि भारत ही इकलौती ऐसी टीम है, जिसने इस वर्ल्ड कप में कोई मैच नहीं गंवाया है। इसके साथ ही उसके 11 पॉइंट हो गए हैं और पॉइंट्स टेबल में दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। वह सेमीफाइनल में पहुंचने से सिर्फ एक जीत दूर है। दूसरी ओर, विंडीज की टीम हार के साथ ही टूर्नमेंट से बाहर हो गई है।
इससे पहले पिच धीमी थी लेकिन भारत की तरफ से दो अर्धशतकीय साझेदारियां निभाई गई। विराट कोहली (82 गेंदों पर 72) और केएल राहुल (64 गेंदों पर 48) ने दूसरे विकेट के लिए 69 तथा महेंद्र सिंह धोनी (61 गेंदों पर नाबाद 56) और हार्दिक पंड्या (38 गेंदों पर 46) ने छठे विकेट के लिए 70 रन जोड़े। वेस्ट इंडीज की तरफ से सबसे बड़ा स्कोर सलामी बल्लेबाज सुनील अंब्रिस (40 गेंदों पर 31) ने बनाया। शमी (16 रन देकर चार विकेट) ने शुरू में ही उसे झकझोरा, जबकि जसप्रीत बुमराह (9 रन देकर दो) और युजवेंद्र चहल (39 रन देकर 2) ने हमेशा की तरह शानदार गेंदबाजी की। पंड्या और कुलदीप यादव ने एक-एक विकेट लिया।
भारतीय पारी पहले कोहली और बाद में धोनी और पंड्या के इर्द गिर्द घूमती रही। कोहली ने लगातार चौथी बार 50 या इससे अधिक रन बनाए और इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम मैचों में 20,000 रन पूरे करने का रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। वह हालांकि फिर से अर्धशतक को शतक में बदलने में नाकाम रहे। उन्होंने अपनी पारी में 8 चौके लगाए। वेस्ट इंडीज की तरफ से केमार रोच (36 रन देकर तीन) और कप्तान जेसन होल्डर (33 रन देकर दो) ने कसी गेंदबाजी की। शेल्डन कॉटरेल (50 रन देकर दो) ने दोनों विकेट अपने आखिरी ओवर में लिए।
भारतीय गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने शुरू में ही कैरेबियाई टीम को संकट में डाल दिया। शमी ने विस्फोटक क्रिस गेल (छह) और भरोसेमंद शाई होप (पांच) को जल्दी पविलियन भेजकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। सुनील अंब्रिस (40 गेंदों पर 41) और निकोलस पूरण (50 गेंदों पर 28) ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की और फिर 9 रन के अंदर पविलियन भी लौट गए। पंड्या ने अंब्रिस को पगबाधा किया तो कुलदीप ने पूरण को लॉन्ग ऑफ पर कैच कराया। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 55 रन जोड़े।
चहल ने होल्डर (छह) को सुनियोजित जाल में फंसाकर कवर पर कैच देने के लिए मजबूर किया। न्यू जीलैंड के खिलाफ शतक जड़ने वाले कार्लोस ब्रेथवेट केवल एक रन बना पाए। धोनी ने बुमराह की गेंद पर उनका एक हाथ से बेहतरीन कैच लिया जिससे वेस्ट इंडीज की हार सुनिश्चित हो गई। बुमराह ने अगली गेंद पर फैबियन एलेन को पगबाधा किया। शमी ने आखिरी विशेषज्ञ बल्लेबाज शिमरोन हेटमेयर (18) के रूप में तीसरा विकेट लिया।
इससे पहले भारत ने टॉस जीता, पहले बल्लेबाजी की लेकिन उसने नियमित अंतराल में विकेट गंवाए। असल में बल्लेबाजी क्रम में चौथे और पांचवें नंबर की जिस कमजोरी की चर्चा टूर्नमेंट से पहले की जा रही थी, वह इस मैच में खुलकर सामने आ गई। विजय शंकर (14) रोच की फुललेंथ गेंद खेलने के लिए सही तरह से लाइन में नहीं आए और उनके बाद जिम्मा संभालने वाले केदार जाधव (सात) ने भी इसी गेंदबाज पर फुटवर्क का इस्तेमाल नहीं करके अपना विकेट गंवाया। भारतीय टीम प्रबंधन के लिए आगे के बड़े मैचों से पहले इन दोनों का प्रदर्शन गहन मंथन का विषय होगा।
भारत ने इसके अलावा 163 गेंदें खाली जाने दी जो कि चिंता का विषय है। धोनी ने आखिरी ओवर में दो छक्कों की मदद से 16 रन लेकर अपना स्ट्राइक रेट सुधारा लेकिन अब भी उनकी धीमी बल्लेबाजी भारत के लिए चिंता का विषय है। भारतीय बल्लेबाजों का स्पिनरों क सामने खुलकर नहीं खेल पाने का क्रम जारी रहा। फैबियन एलेन ने उन्हें परेशान किया।
रोहित शर्मा (18) के खिलाफ डीआरएस पर तीसरे अंपायर का फैसला विवादास्पद रहा था। रोहित ने छठे ओवर में रोच पर छक्का लगाया था लेकिन इसी ओवर में गुडलेंथ गेंद उनके बल्ले के करीब से निकली। स्निकोमीटर से पता चला कि जब गेंद बल्ले और पैड के बीच से निकल रही थी तब वह किसी चीज पर स्पर्श हुई थी और तीसरे अंपायर ने रोहित को आउट दे दिया, जिससे बल्लेबाज भी हैरान था।
कोहली ने राहुल के साथ पारी संवारने की कोशिश की। इस बीच होल्डर ने कसी हुई गेंदबाजी की और एक बेहतरीन गेंद पर राहुल को बोल्ड किया जिसके बाद भारतीय मध्यक्रम की कलई खुली। धोनी जब आठ रन पर थे तब होप ने उन्हें स्टंप आउट करने का आसान मौका गंवाया था। कोहली जब आउट हुए तो उन्हें खुद विश्वास नहीं हुआ कि वह ऐसा शॉट खेल सकते थे। वह होल्डर की शॉर्ट पिच गेंद को पुल करना चाहते थे। गेंद ज्यादा नहीं उठी, कोहली ने थोड़ी जल्दबाजी कर दी और मिडविकेट पर आसान कैच दे दिया।
डेथ ओवरों में धोनी और पंड्या के रूप में दो जबरदस्त हिटर क्रीज पर थे। वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों ने उन्हें लंबे शॉट नहीं खेलने दिए, लेकिन उन्होंने अच्छी तरह से स्ट्राइक रोटेट की। पंड्या ने लंबा शॉट खेलने के प्रयास में ही कैच दिया। उन्होंने पांच चौके लगाये।