दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से सभी तरह के ठेके और खरीदारी के ऑर्डर देने का काम रोकने को कहा है। कंपनी के समक्ष मौजूद वित्तीय संकट को देखते हुए समझा जाता है कि विभाग ने यह आदेश दिया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बीएसएनएल के वित्त विभाग ने इस बारे में 12 जून को आदेश जारी किया है, जिसमें सभी मंडल प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी पूंजी व्यय के लिए निविदा जारी करने से पहले दिल्ली स्थित कारपोरेट कार्यालय से अनुमति ली जाए।
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीएसएनएल के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'यह आदेश 12 जून को कंपनी के मंडल प्रमुखों को जारी किया गया। इसमें कहा गया कि बीएसएनएल अस्थायी वित्तीय दबाव से गुजर रही है। ऐसे में वह एकत्रित समूची देनदारी को निपटाने की स्थिति में नही है।'
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के वित्त विभाग को दूरसंचार विभाग के वित्त खंड से सभी पूंजी खर्च रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ है। आदेश में बीएसएनएल अधिकारियों से कहा गया है कि वह अग्रिम खरीद ऑर्डर और अंतिम रूप दिए जा चुके अनुबंध खरीद आदेश को फिलहाल अगले आदेश तक रोक दें।
बीएसएनएल ने 2014- 15 में 672 करोड़ रुपये का परिचालन मुनाफा हासिल किया था। इसके बाद 2015- 16 में 3,885 करोड़ रुपये और 2016- 17 में 1,684 करोड़ रुपये का परिचालन मुनाफा हासिल किया। रिलायंस जियो जैसी नई दूरसंचार कंपनी के आने के बाद अन्य कंपनियों की तरह बीएसएनएल को भी राजस्व दबाव झेलना पड़ रहा है।
निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के प्रवर्तक जहां हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रहे हैं, वहीं बीएसएनएल बाजार प्रतिस्पर्धा के लिए सरकार की तरफ से 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रतीक्षा कर रही है। बीएसएनएल ने सरकार से उसके पास उपलब्ध जमीन को बेचकर नकदी जुटाने की मंजूरी मांगी है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।