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Reuters

अगर आपने वोडाफोन आइडिया के शेयरों में निवेश किया है तो यह खबर आपके लिए एक बड़ा झटका है। सोमवार के कारोबार में वोडाफोन आइडिया का शेयर 29 फीसदी तक टूट गया और शेयर इंट्राडे में 6.56 रुपये के भाव पर आ गया जो पिछले 12 साल में सबसे निचला स्तर है। पिछले हफ्ते पेश किये गए कंपनी ने जून तिमाही के नतीजों में कंपनी को 4874 करोड़ का भारी भरकम घाटा हुआ है जिसके बाद से ही कंपनी को लेकर निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया। फिलहाल शेयर 26 फीसदी गिरावट के साथ 6.87 रुपये के भाव पर है।

वोडाफोन आइडिया को 30 जून को समाप्त हुई पहली तिमाही में 4,874 रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष (2018-19) की चौथी तिमाही में कंपनी का घाटा 4,882 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में कंपनी की आय पिछली तिमाही की तुलना में चार फीसदी घटकर 11,270 करोड़ रुपये रही।

वोडाफोन समूह की भारतीय इकाई का आइडिया सेल्यूलर के साथ विलय 31 अगस्त, 2018 को पूरा हुआ था, इसलिए जून तिमाही में कंपनी को हुए घाटे की तुलना पिछले वर्ष की समान तिमाही के आंकड़ों के साथ नहीं की जा सकती। देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद भारती एयरटेल तथा वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां टैरिफ वॉर में उलझी हुई हैं।

जियो के मुफ्त वॉइस तथा सस्ते डेटा प्लान ने क्षेत्र के पूराने खिलाड़ियों के मुनाफे को बड़ी चपत लगाई है। कारोबार शुरू करने के महज तीन साल के भीतर ही रिलायंस जियो 33.13 करोड़ ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बन गई। जियो ने इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी वोडाफोन आइडिया को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया।

पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा जारी वित्तीय नतीजों के मुताबिक, उसकी सहायक कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहकों की तादाद जून 2019 में 33.13 करोड़ रही। वहीं, वोडाफोन आइडिया ने शुक्रवार को बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में उसके ग्राहकों की संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई, जो मार्च तिमाही में 33.41 करोड़ पर थी। ग्राहकों की संख्या के हिसाब से वोडाफोन आइडिया पहले से दूसरे पायदान पर पहुंच गई।