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सांकेतिक तस्वीरReuters

प्रशांत महासागर में अलनीनो की दशा विकसित होने के कारण भारत में इस साल मॉनसून कमजोर रहने की संभावना है। यह पूर्वानुमान मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काइमेट ने बुधवार को जारी किया। स्काइमेट के पूर्वानुमान के अनुसार, वर्ष 2019 में जून से सितंबर के चार माह के मॉनसून सीजन में दीर्घावधि औसत बारिश 93 फीसदी होने का अनुमान है।

स्काइमेट ने कहा कि मॉनसून की शुरुआत काफी कमजोर रहेगी और जुलाई तक बारिश की कमी बनी रहेगी। स्काइमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हालांकि मॉनसून सीजन के आखिरी दो महीने अगस्त व सितंबर के दौरान सामान्य बारिश हो सकती है।

उन्होंने कहा, 'प्रशांत महासागर में औसत से ज्यादा गर्मी है, इससे मार्च से मई के दौरान अलनीनो की संभावना 80 फीसदी बन गई है। हालांकि जून से अगस्त की अवधि के दौरान इसकी संभावना घटकर 60 फीसदी है। इसका मतलब है कि इस साल अलनीनो विकसित हो रहा है। इसलिए 2019 में मॉनसून सामान्य से कमजोर रहेगा।'

औसत से कम बारिश के कारण प्रभावित रहने वाले क्षेत्रों में कर्नाटक, महाराष्ट्र में विदर्भ और मराठवाड़ा, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और देश के पूर्वोत्तर के इलाके शामिल हैं। स्काइमेट के प्रेसिडेंट (मौसम विज्ञान व जलवायु परिवर्तन) जी. पी. शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में ज्यादा बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस समय मानसून के आगमन के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि इसका देश में होने वाली बारिश से कोई संबंध नहीं है। जून में सामान्य के मुकाबले 77 फीसदी बारिश हो सकती है, जबकि जुलाई में 91 फीसदी, अगस्त में 102 फीसदी और सितंबर में 99 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।