अपने देश में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करने और दूसरी तरफ आतंकवादियों को यूएन प्रतिबंध से बचाने को लेकर अमेरिका ने चीन को जमकर लपेटा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा है कि चीन अपने घर में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाता है।
स्पष्ट रूप से उनका इशारा चीन द्वारा पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'वैश्विक आतंकी' घोषित किए जाने के प्रस्ताव को रोकने की ओर था।
जैश या मसूद का नाम लिए बिना पॉम्पियो ने बुधवार को ट्वीट किया, 'दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है।'
The world cannot afford China’s shameful hypocrisy toward Muslims. On one hand, China abuses more than a million Muslims at home, but on the other it protects violent Islamic terrorist groups from sanctions at the UN.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन चीन ने इसे रोक कर दिया। चीन ने प्रस्ताव को यह तर्क देते हुए अटका दिया कि वह इसके अध्ययन के लिए अधिक समय चाहता है।
चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने अमेरिकी कदम का समर्थन किया था। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
चीन ने उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के 10 लाख लोगों को अप्रैल 2017 से शिनजियांग के नजरबंदी कैंपों में कैद कर रखा है। पॉम्पियो ने कहा, 'अमेरिका उनके और उनके परिवारों के साथ है। चीन को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और इसके दमन को समाप्त करना चाहिए।' बुधवार को पॉम्पियो ने चीन के दमन से बचकर निकले शिनजियांग के लोगों और उनके परिवारों से मुलाकात की।