नरेश गोयल
नरेश गोयलReuters

कर्ज के जाल में फंसी जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने भारत के सबसे बड़े पूर्ण सेवा वाहक के भविष्य पर महीनों से चल रहे सस्पेंस को खत्म करते हुए सोमवार को बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक 25 साल से अधिक समय पहले जेट एयरवेज की स्थापना करने वाले गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने सोमवार को कर्ज के जाल में फंसी एयरलाइन के बोर्ड से इस्तीफ़ा दिया।

एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, जेट एयरवेज में गोयल्स की हिस्सेदारी वर्तमान में 51 प्रतिशत से घटकर 25.5 प्रतिशत हो जाएगी। ईटी ने बताया कि कंपनी द्वारा जल्द ही इस बारे में औपचारिक घोषणा की जाएगी।

नरेश इससे पहले खुद इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे। उन्होंने संकट के बीच कर्मचारियों को भावुक पत्र भी लिखा था। इसमें नरेश ने कहा था कि वह किसी भी बलिदान को तैयार हैं।

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बता दें कि लंबे वक्त से जेट एयरवेज संकट से घिरा हुआ है। जिन कंपनियों से उसने प्लेन लीज पर लिए हैं उनका किराया रुका हुआ था। कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दी जा रही थी। नरेश गोयल के हटने के बाद जेट के ऋणदाता संघ के सदस्य उनके 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को एयरलाइंस में मिला सकते हैं। जिसके बाद आनेवाले हफ्तों में नए खरीददार की तलाश शुरू की जाएगी। नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट एयरवेज को संकट से बाहर निकालने की पूरी कोशिश करेंगे।

फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है। इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं। अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा। एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है। जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे।