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कई आर्थिक अपराधियों के देश से फुर्र होने के बाद सतर्क हुई प्रमुख अपराध जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शीर्ष बैंकर चंदा कोचर, जिनके खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए कथित धोखाधड़ी का मामला चल रहा है, के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जांच एजेंसी की तरफ से यह कदम आईसीआईसीआई बैंक वोडाफोन लोन मामले में केस दर्ज करने के कई दिनों बाद उठाया गया है.

चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के नाम भी सर्कुलर भेजा गया है. लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद तीनों देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।

इस हाई प्रोफाइल मामले में चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक से बाहर होना पड़ा. कोचर पर उनके पति की कंपनी को नियमों की अनदेखी कर लोन देने का आरोप है. सीबीआई ने पिछले महीने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

चंदा कोचर के खिलाफ यह पहला लुकआउट सर्कुलर है, जिसके बाद वह बिना इजाजत के देश के बाहर नहीं जा सकतीं हैं. बता दें, एलओसी तभी जारी किया जाता है, आर्थिक अपराध के केस में एफआईआर दर्ज हो जाती है और इसके बाद LOC फाइल करना अनिवार्य हो जाता है.

सीबीआई ने पिछले साल जांच एजेंसी ने वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और अज्ञात लोगों के खिलाफ पिछले साल मार्च में एक प्रारं​भिक जांच (PE) दर्ज की थी. आपराधिक मामलों की जांच में जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने से पहले सीआईआई पीई दर्ज करती है.

यह पूरा मामला वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये लोन देने से जुड़ा है. यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था. वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे. इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था.