संसद से सड़क तक जारी हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच बुधवार को राफेल डील पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश कर दिया गया। 36 लड़ाकू विमान के सौदे से संबंधित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार के द्वारा किया गया सौदा पहले की तुलना में सस्ता है।
संसद के ऊपरी सदन में रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने राफेल डील पर सवाल उठा रहे विपक्ष पर हमला बोला है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि कांग्रेस लगातार झूठ फैला रही थी, जिसे रिपोर्ट ने साफ कर दिया है। रिपोर्ट को सच की जीत बताते हुए जेटली ने कहा कि गुमराह करनेवाले लोगों को जनता ही सजा देगी।
जेटली ने कहा कि रिपोर्ट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे बड़े झूठों का भंडाफोड़ दिया, जिसे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी बार-बार फैला रहे थे। उन्होंने कहा कि अब डील से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट है, सीएजी भी संतुष्ट है, जिससे सरकार की नीयत पर सवाल नहीं उठना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'मामले को यहीं खत्म नहीं होना चाहिए, लोगों को उन्हें सजा जरूर देनी चाहिए जिन्होंने उन्हें गुमराह किया।'
Arun Jaitley: SC has satisfied itself, the CAG has satisfied itself, the govt stands vindicated. The matter doesn’t finish here, the people have to punish those who misled the country. This is exactly the repetition of 1989. (1/2) #RafaleDeal pic.twitter.com/WGdmvICbHo
— ANI (@ANI) February 13, 2019
जेटली ने दशकों पुराने सेंट कीट्स के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस दोबारा वैसा ही करना चाहती है। उन्होंने कहा, '1989 में राजीव गांधी की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी। इसको छिपाने के लिए उन्होंने वी पी सिंह के खिलाफ सेंट कीट्स का मामला उछाला। अब जब मोदी सरकार की इमेज साफ है तो वह फिर ऐसी ही कोशिश कर रहे हैं।'
Arun Jaitley: In 1989 when the Congress govt headed by Shri Rajeev Gandhi was mired in corruption, they manufactured a Saint Kitts against Mr VP Singh. Because Mr Modi has a clean image let us manufacture a crisis. (2/2) #RafaleDeal https://t.co/ukoIwHkaml
— ANI (@ANI) February 13, 2019
रक्षा मंत्रालय के 3 अफसरों के जिस डिसेंट नोट पर विवाद हुआ था उसका जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, 'संवैधानिक प्रोसेस में सभी को अपने विचार बताने का अधिकार है। लेकिन आखिरी फैसला सरकार को ही लेना होता है।' जेटली ने आगे कहा, 'अधिकारी ने पहले नोट पर साइन करके वह चीजें बताईं, जिसपर वह राजी नहीं थे। इसके बाद नई डील की टर्म्स पर उन्होंने ही साइन किए हैं। इसका मतलब साफ है कि नोट लिखनेवाले ने डील का समर्थन किया है।'
A Jaitley: So Joint Secy who signed the note his view was not agreed upon. Later cabinet note proposing present transaction on present terms is signed by him. So so called author of note ultimately supported the deal.These facts have been repeatedly clarified in the media 2/2 https://t.co/kbINl29frJ
— ANI (@ANI) February 13, 2019
राफेल डील पर मीडिया के सामने बोलने से पहले जेटली ने ट्वीट करके कांग्रेस पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कैग रिपोर्ट ने सत्यमेव जयते के कथन को सच साबित किया है। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट गलत हो, कैग गलत हो और सिर्फ 'राजवंश' ही सही हो। इसके बाद उन्होंने लिखा, 'लोकतंत्र में लगातार झूठ बोलनेवालों को कैसे सजा दी जाती है? महागठबंधन के झूठ कैग रिपोर्ट से उजागर आ गए हैं।'