बुलंदशर हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक शिखर अग्रवाल को पुलिस ने बुधवार देर रात हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया है. शिखर बीजेपी युवा मोर्चा का नेता है और हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में आरोपी है. शिखर अग्रवाल सहित 51 आरोपी फरार चल रहे थे.
गिरफ्तारी से पहले शिखर ने एक चैनल को इंटरव्यू दिया. इसमें उसने कहा, 'हमने इंस्पेक्टर की हत्या नहीं कराई बल्कि वह एक दुर्घटना थी. जब इंस्पेक्टर ने भीड़ को धमकी दी तो भीड़ उग्र हो गई. हमने और हमारे साथियों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की. जब हिंदुत्व के नाम पर हमारी मां और बहनों का शोषण किया जाएगा, गायें काटी जाएंगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे.'
Shikhar Aggarwal, accused in murder case of Inspector Subodh Singh in #BulandshahrViolence, arrested by Bulandshahr police from Hapur today pic.twitter.com/xCZqU0aAya
— ANI UP (@ANINewsUP) January 10, 2019
शिखर ने कहा, 'मैं अपने घर में नमक को बोरी उतरवा रहा था. मेरे एक दोस्त का फोन आया कि गोकशी हुई है वहां आपकी जरूरत है. मैं अपनी टीम के साथ वहां पहुंचा. नगर कार्यकारिणी के लगभग 20-25 लोग थे. हम पहुंचे तो देखा कि वहां माता के अवशेष पड़े थे. लगभग 50 मीटर दूरी से एक आवाज आई तो हम भी पहुंचे. वहां पहले से 10-15 लोग खड़े थे. कई पुलिसवाले भी वहां मौजूद थे. हम लोगों ने ट्रैक्टर ट्रॉली में अवशेषों को रखा और लेकर थाने की ओर जाने लगे. इंस्पेक्टर ने अवशेष वहीं रोकने की कोशिश की. भीड़ पर इंस्पेक्टर ने दबाव बनाया. मैं तो मामला शांत करा रहा था.'
शिखर ने कहा, 'मैं अवशेषों को वहीं दबाने के लिए कहने लगे तो भीड़ से एक आवाज आई कि जो नेता बनेगा वह पिटेगा. लोग उसे फौजी-फौजी कह रहे थे. भीड़ उग्र होती गई और माहौल गर्म होता गया. मैंने बहुत कोशिश की थी कि मामला शांत हो जाए लेकिन कुछ नहीं हुआ.'
भीड़ ने कहा केस दर्ज करो इंस्पेक्टर ने कहा कि पहले अवशेष दफनाए जाएंगे. वह कार्रवाई करने को राजी नहीं थे. उन्होंने कहा, 'अगर आपलोग नहीं हटे तो मैं यहां जितने भी खड़े हैं सबको गोली मार दूंगा' इस बात पर भीड़ भड़क गई.
'एसडीएम ने मुझसे कहा कि तुम यहां से निकल जाओ. मेरे घर से भी बार-बार फोन आ रहे थे इसलिए मैं वहां से निकल गया. घर पर बाद में मुझे एक लड़के सौरभ ने बताया कि वहां पर गोली चल गई है. कुछ देर बाद दूसरा फोन आया जिसमें बताया गया कि इंस्पेक्टर को गोली मार दी गई है.'
इससे पहले उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले महीने हुई हिंसा के मामले पुलिस ने बताया कि हिंसा के मामले में 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बता दें, एक गांव में गोवंश के अवेशष मिलने के बाद फैली गौकशी की अफवाह के बाद इलाके में हिंसा फैल गई थी. हिंसा में भीड़ ने एक पुलिस इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा सुमित नाम के युवक की भी गोली लगने से मौत हो गई थी. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर के शुरूआत में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार और सुमित कुमार नाम के एक युवक की भीड़ द्वारा की गई हिंसा में मौत हो गई थी. गांव के बाहर गोवंश के अवशेष मिलने के बाद जिले के सियाना तहसील में हिंसा भड़की थी.
वहीं, पुलिस ने बीते दिनों हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार किया था. योगेश राज को स्याना हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया था. वह बजरंग दल का जिला संयोजक है और हिंसा के बाद से फरार था. बताया जा रहा है कि योगेश राज की गिरफ्तारी नेताओं की सहयोग के बाद हुई थी.फरार चल रहे योगेश राज की गिरफ्तारी बुलंदशहर के खुर्जा से हुई थी. उस पर हिंसा भड़काने का आरोप है और पुलिस ने उसे ही मुख्य आरोपी बनाया है. योगेश राज ने ही गो हत्या मामले में झूठी एफआईआर दर्ज करवाई थी.